अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता बॉन्ड पेमेंट में देरी के लिए प्रस्ताव की शर्तों में बदलाव के लिए तैयार है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने निवेशकों से कहा कि वे कंपनी के डॉलर बॉन्ड पर पेमेंट में देरी के प्रस्ताव में बदलाव के लिए तैयार हैं। मामले से वाकिफ सूत्रों के मुताबिक, कुछ बॉन्डहोल्डर्स का कहना है कि वे कंपनी की तरफ से ऑफर किए गए कैश से ज्यादा कैश एडवांस में चाहते हैं। बाकी निवेशक डेट के लिए कोलेटरल में बदलाव चाहते हैं।
बॉन्ड पेमेंट में देरी से जुड़े प्रस्ताव की शर्तों में बदलाव करने के लिए तैयार है Vedanta
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, ‘बॉन्डहोल्डर्स के साथ बातचीत चल रही है और इस सिलसिले में सलाह मिल रही है और मांगी भी जा रही है। अभी फिलहाल इसको लेकर कोई प्रारूप या ढांचा तय नहीं किया है।’ जाने-माने उद्योगपति अनिल अग्रवाल के मालिकाना हक वाली माइनिंग कंपनी को साल 2 अरब डॉलर का कर्ज भुगतान करना है, लिहाजा वह फंड जुटाने के विकल्पों पर गौर कर रही है।
मूडीज की इनवेस्टर सर्विस ने पिछले हफ्ते कहा था कि कंपनी को डेट रीस्ट्रक्चरिंग के विकल्पों पर विचार करना पड़ सकता है। वेदांता ने निवेशकों से संपर्क कर 2024 और 2025 में मैच्योर होने वाले अपने डॉलर बॉन्ड्स का कुछ ही हिस्सा भुगतान करने और बाकी रकम का भुगतान 3 साल के लिए टालने का प्रस्ताव रखा है। वेदांता निवेशकों के साथ प्राइवेट लोन के माध्यम से 1 अरब डॉलर जुटाने के लिए भी बातचीत कर रही है, जबकि भारत स्थित यूनिट वेदांता लिमिटेड को छह कंपनियों में बांटा जाना है। अग्रवाल ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वेदांता ने कर्ज चुकाने के लिए फंड की व्यवस्था कर ली है।