BSE Share Price: स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव के बीच बीएसई के शेयर आज इंट्रा-डे में 7 फीसदी से अधिक उछलकर रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। इसके शेयरों में दो अहम कारणों के चलते इतनी जबरदस्त तेजी दिख रही है कि पांच कारोबारी दिनों में यह 1,480.15 रुपये (17 अक्टूबर के क्लोजिंग प्राइस) से 24 फीसदी उछलकर आज इंट्रा-डे में 1828 रुपये की रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। मुनाफावसूली के चलते भाव में थोड़ी सुस्ती जरूर आई है लेकिन अभी भी यह काफी मजबूत स्थिति में है। फिलहाल NSE पर यह 4.91 फीसदी की मजबूती के साथ 1,791.05 रुपये पर है।
BSE Share Price: इन दो वजहों से चढ़ता जा रहा शेयर, 5 दिन में 24% का उछाल
किन दो कारणों से BSE में उछाल
बीएसई के शेयरों में दो कारणों से उछाल है। एक तो इसने निवेश से जुड़ा बड़ा ऐलान किया और दूसरा BSE Sensex के F&O से जुड़े चार्जेज में बदलाव का ऐलान किया। इन दोनों वजहों से बीएसई के शेयरों की चमक एकाएक काफी बढ़ गई। निवेश योजना की बात करें तो कंपनी ने 18 अक्टूबर को एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी थी कि यह अपने पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी BSE इनवेस्टमेंट्स लिमिटेड में 30 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
F&O से जुड़े चार्जेज में 1 नवंबर से होगा बदलाव
बीएसई ने 21 अक्टूबर को S&P BSE Sensex Options से जुड़े चार्जेज में बदलाव की जानकारी दी थी। ट्रांजैक्शन फी का नया ढांचा इंक्रीमेंटल बिलेबल मंथली टर्नओवर (प्रीमियम वैल्यू) पर आधारित होगा। नजदीकी एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स का प्रीमियम आधारित टर्नओवर डेली बेसिस पर कैलकुलेट किया जाएगा और इसे महीने के आखिरी में जोड़ा जाएगा। इसके बाद ट्रांजैक्शन चार्ज महीने के आखिरी में जो टर्नओवर जोड़कर आएगा, उस पर लगाया जाएगा।
शुल्क के नए ढांचे के मुताबिक 3 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर पर प्रति करोड़ 500 रुपये, 3 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर पर 3,750 रुपये और 100 करोड़ से 750 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर पर 3500 रुपये का चार्ज लिया जाएगा। 750 करोड़ से 1500 करोड़ करोड़ रुपये तक 3 हजार रुपये, 1500-2000 करोड़ रुपये तक प्रति करोड़ 2500 रुपये और फिर 2000 करोड़ रुपये से ऊपर के टर्नओवर पर 2000 रुपये प्रति करोड़ का ट्रांजैक्शन चार्ज लिया जाएगा। ये नए चार्जेज 1 नवंबर से लागू होंगे।
खुदरा निवेशकों के लिए कैसा है यह फैसला
बीएसई धीरे-धीरे डेरिवेटिव सेगमेंट में अपनी स्थिति सुधार रहा है। हालांकि अब सेंसेक्स के डेरिवेटिव्स के लिए बीएसई ने जो शुल्क ढांचा पेश किया है, उससे ट्रेडर्स पर निगेटिव असर पड़ेगा और खासतौर पर खुदरा निवेशकों को इससे झटका लगेगा। टिप्स2ट्रेड्स के एआर रामचंद्रन के मुताबिक अधिकतर खुदरा निवेशक ऑप्शन बायर्स हैं तो ट्रांजैक्शन कॉस्ट में कोई भी बढ़ोतरी उनके ब्रेकइवन प्वाइंट पर असर डालेगी और फिर उन्हें लगातार मुनाफा कमाने में दिक्कत बढ़ जाएगी।