स्टॉक मार्केट पर बेयर्स की पकड़ 27 अक्टूबर को कुछ ढीली पड़ती दिखा। मार्केट में अच्छी रिकवरी देखने को मिली। Sensex 500 प्वाइंट्स उछला, जबकि Nifty ने दोबारा 19,000 का लेवल हासिल कर लिया। इसमें विदेशी बाजारों के संकेतों का बड़ा हाथ है। लगातार छह दिनों की गिरावट के बाद यह मार्केट के लिए बड़ी राहत है। मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि इस तरह की बड़ी गिरावट के बाद अक्सर में रिकवरी आती है। इससे मार्केट को स्टैबलाइज करने का मौका मिलता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुछ पॉजिटिव खबरों का मार्केट के सेंटिमेंट पर अच्छा असर पड़ा। पिछली तिमाही में अमेरिकी इकोनॉमी की ग्रोथ करीब दो साल में सबसे ज्यादा रही है। इसमें कंज्यूमर स्पेंडिंग का बड़ा हाथ है। सितंबर तिमाही में यूएस इकोनॉमी की ग्रोथ 4.9 फीसदी रही, जो दूसरी तिमाही की ग्रोथ के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा है। यह जानकारी ग्रोथ के सरकार के शुरुआती अनुमान पर आधारित है।
Nifty ने बेयर्स की पकड़ ढीली पड़ने पर 19,000 का लेवल दोबारा हासिल किया, मार्केट में शानदार रिकवरी के क्या कारण हैं?
अमेरिका से आई अच्छी खबरे
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा, “यूएस इकोनॉमी ने शानदार रिकवरी दिखाई है। तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.9 फीसदी रहने का मतलब है कि फेडरल रिजर्व अपना रुख आक्रामक बनाए रखेगा। हालांकि, लंबे समय तक इंटरेस्ट रेट का हाई रहना स्टॉक मार्केट के लिए निगेटिव खबर है।” अमेरिका में कुछ कंपनियों के बेहतर नतीजों का असर भी एशियाई शेयर बाजारों पर पड़ा। Amazon की सितंबर तिमाही के नतीजे अच्छे आए हैं। अमेरिका में इनफ्लेशन में नरमी आने की उम्मीद का असर बॉन्ड मार्केट पर पड़ा है। 27 अक्टूबर को Nasdaq फ्यूचर्स और S&P 500 फ्यूचर्स दोनों में उछाल दिखा। Amazon के शेयर में 5 फीसदी उछाल आया।
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एशियाई बाजारों में शानदार तेजी
अमेरिकी बाजारों में 27 अक्टूबर को तेजी की वजह से 27 अक्टूबर को टोक्यो के Nikkei और हांगकांग के Hang Seng में एक-एक फीसदी की तेजी दिखी। दक्षिण अफ्रीका का Kospi 0.65 फीसदी उछल गया। ऑस्ट्रेलियाई स्टॉक मार्केट्स के सूचकांक भी एक साल के लो लेवल से ऊपर आ गए।
लंबी अवधि के लिए निवेश का सही समय
Nifty ने डेली चार्ट पर “थ्री ब्लैक क्रोज” (Three Black Crows) के संकेत दिए हैं। ब्रोकरेज फर्म प्रभुदास लीलाधर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट लेवल 18,600 होगा। कोटक सिक्योरिटीज इंडिया स्ट्रेटेजी के मुताबिक, मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स में आया करेक्शन पर्याप्त नहीं है। अब भी दोनों कैटेगरी के स्टॉक्स की वैल्यूएशन ज्यादा दिख रही है। लार्जकैप स्टॉक्स में बेहतर रिवॉर्ड-रिस्क बैलेंस दिख रहा है। उनकी वैल्यूएशन ज्यादा वाजिब लग रही है। जियोजित के वीके विजयकुमार ने कहा कि यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए अच्छी क्वालिटी के स्टॉक्स में निवेश बढ़ाने का समय है। इतिहास हमें बताता है कि जियोपॉलिटिकल इवेंट्स की वजह से मार्केट में आई गिरावट खरीदारी का बड़ा मौका देती है।