बिजली कारोबार के लिए सॉल्यूशन मुहैया कराने वाली कंपनी पीटीसी इंडिया (PTC India) अपनी सहायक कंपनी पीटीसी एनर्जी (PTC Energy) में अपनी 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी 2,021 करोड़ रुपये की एंटरप्राइज वैल्यू पर बेच रही है। यह बिक्री सरकारी कंपनी ONGC को की जा रही है। पीटीसी इंडिया ने शेयर बाजार को बताया है कि ओएनजीसी ने पीटीसी एनर्जी लिमिटेड में पीटीसी इंडिया की 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 925 करोड़ रुपये की ऑल कैश बिड लगाई थी। यह राशि, 2,021 करोड़ रुपये की एंटरप्राइज वैल्यू (बकाया कर्ज और इक्विटी वैल्यू का योग) होती है।
PTC Energy की बिक्री: PTC India कितनी एंटरप्राइज वैल्यू पर करने जा रही सौदा, सामने आई डिटेल
कंपनी ने पीटीसी एनर्जी में 100 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। ओएनजीसी 925 करोड़ रुपये की नकद बोली के साथ सफल बोलीदाता के रूप में उभरी। पीटीसी इंडिया ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि ताजा सूचना, पीटीसी एनर्जी लिमिटेड (पीईएल) में हिस्सेदारी बिक्री को लेकर पहले दी गई जानकारी को आगे बढ़ाने और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स को स्पष्ट करने के लिए दी जा रही है।
19 अक्टूबर को आई थी बोली मंजूर होने की खबर
19 अक्टूबर को कंपनी ने शेयर बाजारों को सूचना दी थी कि PTC India के बोर्ड ने सब्सिडियरी PTC Energy की बिक्री के लिए ONGC की बोली मंजूर कर ली है। ONGC ने 925 करोड़ रुपये की ऑल कैश बिड में PTC Energy को खरीदने की इच्छा जताई है। कंपनी ने फाइलिंग में कहा कि इस लेनदेन को लेकर शर्तों की पूर्ति (सीपी), पार्टीज के बीच एग्जीक्यूट होने वाले शेयर खरीद समझौते के अनुसार अन्य नियम और शर्तों और लागू कानूनों के तहत जरूरी मंजूरियां लिया जाना बाकी है। साथ ही पीटीसी इंडिया लिमिटेड के शेयरधारकों की मंजूरी भी ली जाएगी।
2008 में शुरू हुई थी PTC एनर्जी
PTC India ने 2008 में पीटीसी एनर्जी को शुरू किया था। इसके पीछे मकसद था एनर्जी सेक्टर में जनरेशन, सप्लाई, डिस्ट्रीब्यूशन, बिजनेस, ट्रांसमिशन और कोयले के इंपोर्ट-एक्सपोर्ट, कोयले या ईंधन को बिजली में बदलने के बिजनेस और परामर्श सेवा देने से जुड़े एसेट बेस को विकसित करना। पीटीसी इंडिया का चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 5.62 प्रतिशत बढ़कर 142.70 करोड़ रुपये रहा था। जून 2023 तिमाही में पीटीसी इंडिया की आय बढ़कर 4,863.46 करोड़ रुपये हो गई।