पिछले कुछ हफ्तों से Honasa Consumer काफी चर्चा में थी। यह Mamaearth की पेरेंट कंपनी है। पिछले 18 महीनों में यह इंडिया के स्टार्टअप इकोसिस्टम का पहला आईपीओ था। इस आईपीओ पर करीब आधा दर्जन स्टार्टअप्स की नजरें लगी थीं, जो अभी ग्रोथ स्टेज में हैं। ये अगले दो साल में खुद को स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट करा सकते हैं। Peak XV Partners के एमडी इशान मित्तल ने कहा कि मामाअर्थ का आईपीओ स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ ही एफएमसीजी इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा इवेंट है। इसने यह बता दिया है कि कोई कंपनी सिर्फ 7 साल में मुनाफा कमा सकती है और 1,500 करोड़ से ज्यादा रेवेन्यू हासिल कर सकती है। लेकिन, मामाअर्थ की लिस्टिंग ने स्टार्टअप्स को थोड़ा निराश किया है। आईपीओ में 324 रुपये की कीमत के मुकाबले स्टॉक 330 रुपये पर लिस्ट हुए। उसके बाद स्टॉक में गिरावट देखने को मिली।
Mamaearth की लिस्टिंग से D2C कंपनियों के IPO प्लान पर पड़ सकता है असर
लिस्टिंग की तैयारी में ये स्टार्टअप्स
आने वाले सालों में कई स्टार्टअप्स लिस्टिंग का प्लान बना रहे हैं। इनमें Lenskart, Firstcry, OfBusiness शामिल हैं। हालांकि, रिटेल निवेशकों ने न्यू एज कंपनियों के आईपीओ में पैसे लगाने में काफी सावधानी बरती है। Zomato, Paytm, Nykaa, Delhivery और PB Fintech की पिछले 1-2 साल में स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग बहुत अच्छी नहीं रही थी। इनमें से ज्यादातर कंपनियों के स्टॉक्स अब भी अपने लिस्टिंग प्राइस से 30-40 फीसदी नीचे चल रहे हैं। हालांकि, पिछले एक साल में लॉस घटाने और मुनाफा कमाने पर फोकस बढ़ाने के बाद इन कंपनियों के स्टॉक्स में तेजी देखने को मिली है। Zomato पिछली दो तिमाही से मुनाफा कमा रही है। इससे इसके शेयर में तेजी आई है। ये 22 महीने की ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी पिछले हफ्ते 12 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
D2C कंपनियों को निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स
पिछले कुछ सालों में निवेशकों ने डायरेक्ट टू कंज्यूमर (D2C) कंपनियों पर अरबों डॉलर के दांव लगाए हैं। मामाअर्थ के आईपीओ में शुरुआत में निवेशकों की दिलचस्पी कम थी। वेंचर कैपिटल फर्म इंडियोकोशिएंट के जनरल पार्टनर आनंद लूनिया ने कहा कि मामाअर्थ वास्तव में डी2सी सेगमेंट में मौकों के बारे में संकेत देगा। पब्लिक मार्केट ने Gillette, Jockey जैसे ब्रांड्स में अच्छी दिलचस्पी दिखाई है। इस वजह से इन स्टॉक्स की वैल्यूएशन भी बहुत बढ़ गई है। स्टार्टअप की दुनिया में वैल्यूएश हमेशा एक पहले रही है। लेकिन, डी2सी सेगमेंट में स्टार्टअप के लिए रास्ते तब खुलते दिखे जब कोविड की महामारी के दौरान ऑनलाइन खरीदारी में उछाल आया।
मामाअर्थ की वैल्यूएशन को लेकर चिंता
इस साल की शुरुआत में मामाअर्थ ने जब आईपीओ के लिए सेबी को आवेदन भेजा था, तब एक विवाद शुरू हो गया था। इसकी वजह एक खबर थी जिसमें कहा गया था कि कंपनी अपनी वैल्यूएशन 3 अरब डॉलरक चाहती है। यह अमाउंट FY22 में कंपनी की अर्निंग का 1,700 गुना था। कंपनी के फाउंडर्स वरूण और गजल अलघ ने तुरंत इस खबर का खंडन किया। उन्होंने स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कंपनी की वैल्यूएशन के बारे में किसी तरह का फैसला नहीं लिया गया है। इसके बाद यह मामला शांत पड़ गया। आखिर कंपनी ने आईपीओ में अपनी वैल्यूएशन 1.25 अरब डॉलर लगाई। यह FY24 में कंपनी की सालाना अर्निंग का 105 गुना है। इसलिए वैल्यूएशन को लेकर चिंता बनी हुई है।
Boat ने आईपीओ का प्लान स्थगित किया
कई D2C कंपनियां IPO पेश करने का प्लान बना रही हैं। हालांकि, मार्केट में उतार-चढ़ाव को देखते हुए Boat ने अपना प्लान फिलहाल रद्द कर दिया है। लेकिन, खबर है कि FirstCry आईपीओ के लिए संभावनाओं का पता लगा रही है। Lenskart आईपीओ के लिए तैयार है। इसकी वैल्यूएशन लास्ट फंडिंग राउंड में 4.5 अरब डॉलर पहुंच गई थी।