Adani Group Stocks: अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के झटके से अदाणी ग्रुप के शेयर काफी हद तक उबर चुके हैं। कुछ शेयर अभी भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के पहले के भाव से नीचे हैं यानी अभी उबर नहीं पाए हैं। इस गिरावट के बीच हेज फंड निवेशक समीर अरोड़ा ने इस साल की शुरुआत में ही अदाणी ग्रुप के कुछ शेयरों में लॉन्ग टर्म के लिए नया निवेश किया था। वहीं दिग्गज निवेशक मधुसूदन केला भी इसके कुछ शेयरों को लेकर पॉजिटिव हैं लेकिन वह सावधानी भी बरत रहे हैं।
Adani Group Stocks पर एक्सपर्ट्स का भरोसा कायम, इन शेयरों पर Madhu Kela और Samir Arora ने लगाया है दांव
Madhusudan Kela और Samir Arora ने किन शेयरों में लगाए हैं पैसे
एमके वेंचर्स के फाउंडर मधुसूदन केला के मुताबिक सभी अच्छी कंपनियां एक समय कंसालिडेशन फेज में होती है जहां रिटर्न कुछ खास नहीं मिलता है। हालांकि पिछले पांच साल में जिन निवेशकों ने अदाणी ग्रुप के शेयरों में निवेश बनाए रखा, उन्हें तगड़ा रिटर्न मिला है। मनीकंट्रोल दिवाली पार्टी पर उन्होंने बताया कि उन्हें रिन्यूएबल्स पसंद है और इसमें अपना निवेश बनाए रखेंगे। Helios Capital के समीर अरोड़ा ने भी इस दौरान अदाणी ग्रुप पर भरोसा जताया। उन्होंने पहले इसमें निवेश नहीं किया था लेकिन इस साल फरवरी में कंसालिडेशन के दौरान कुछ शेयर खरीदे थे। उन्होंने अदाणी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट में पैसे लगाए हैं और इसे लंबे समय तक होल्ड करने वाले हैं।
Hindenburg के झटके से लोट गए थे Adani Stocks
25 जनवरी को हिंडनबर्ग ने अदाणी ग्रुप की कंपनियों पर स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड से जुड़ी एक रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट को अदाणी ग्रुप ने मनगढ़ंत कहा था लेकिन यह सफाई भी शेयरों को संभाल नहीं सकी और शेयर धड़ाम से नीचे आ गए। सबसे तगड़ा झटका अदाणी टोटल गैस को लगा था और यह 82 फीसदी से अधिक फिसल गया था। हालांकि ग्रुप की कोशिशों के चलते अदाणी ग्रुप के शेयरों ने तेज रिकवरी की है। हालांकि ग्रुप के मालिक गौतम अदाणी के लगातार आश्वासन और शेयरों में रिकवरी के बावजूद विदेशी निवेशकों ने सितंबर तिमाही में अदाणी ग्रुप की अधिकतर कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी हल्की है। ग्रुप की 10 कंपनियां लिस्टेड हैं और इसमें से 8 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी हल्की की है।
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