Cipla Share Price: फार्मा सेक्टर की दिग्गज कंपनी सिप्ला के शेयर आज ग्रीन जोन में लौटे हैं। इससे पहले गुरुवार 23 नवंबर को अमेरिकी दवा नियामक (USFDA) के वार्निंग लेटर ने शेयरों पर जो सर्जिकल स्ट्राइक की थी, उसके चलते सिप्ला के शेयर 8 फीसदी से अधिक टूटकर बंद हुए थे जोकि इस साल अब तक की सबसे अधिक गिरावट थी। हालांकि कंपनी ने कारोबारी दिन की समाप्ति पर एक्सचेंज फाइलिंग में सफाई दी तो शेयर आज संभलते हुए दिख रहे हैं। BSE पर इंट्रा-डे में यह 2.86 फीसदी के उछाल के साथ 1202 रुपये पर पहुंच गया था। मुनाफावसूली के चलते भाव में नरमी आई और फिलहाल यह 1.33 फीसदी की मजबूती के साथ 1184.15 रुपये पर है। आज यह Nifty 50 के टॉप गेनर में शुमार है जबकि गुरुवार को यह निफ्टी पर टॉप लूजर्स था।
Cipla Share Price: इस साल की सबसे बड़ी गिरावट से संभला शेयर, इस कारण लौटी खरीदारी
USFDA ने क्यों भेजा था वार्निंग लेटर
अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर (USFDA) ने सिप्ला को जो वार्निंग लेटर भेजा है, उसमें प्रोडक्ट से जुड़ी शिकायतों और माइक्रोबीअल कन्टैमनैशन यानी प्रोडक्ट्स में सूक्ष्मजीवों की मौजूदगी के साथ-साथ डेटा इंटिग्रिटी से जुड़े सवाल उठाए गए हैं। यह वार्निंग लेटर फरवरी 2023 में सिप्ला की इंदौर के पीतमपुर में स्थित प्लांट में नियमित तौर पर होने वाली गुड मैनुफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज के निरीक्षण से जुड़ा है। सिप्ला को फॉर्म 483 में निरीक्षण से जुड़े आठ ऑब्जर्वेशंस मिले हैं। अमेरिकी दवा नियामक की वेबसाइट के मुताबिक फॉर्म 483 तब जारी किया जाता है, जब जांच करने वाले को फूड ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट और इससे जुड़े एक्ट्स के नियमों के उल्लंघन का पता लगता है।
फिर Cipla के शेयरों में आज कैसे थमी गिरावट
सिप्ला ने गुरुवार 23 नवंबर को इक्विटी मार्केट में कारोबार की समाप्ति के बाद एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी कि कंपनी ने अमेरिकी दवा नियामक की जांच से जुड़ी कोई भी जानकारी नहीं छिपाई है। सिप्ला के मुताबिक अमेरिकी दवा नियामक उसे जो भी लेटर भेज रही है, 24 घंटे के भीतर एक्सचेंजों को इसकी जानकारी दे दी जा रही है। कंपनी का कहना है कि वह इस मामले को लेकर अमेरिकी दवा नियामक के संपर्क में है और वार्निंग लेटर का जवाब निर्धारित समय में भेजने पर काम हो रहा है। सिप्ला ने यह भी कहा कि इस पूरी प्रक्रिया का उसके मौजूदा कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। इसने सिप्ला के शेयरों को लेकर सेंटिमेंट पॉजिटिव किया।
ब्रोकरेज का क्या है रुझान
अमेरिकी दवा नियामक की कार्यवाही पर ब्रोकरेज फर्म HSBC ने सिप्ला के टारगेट में कटौती कर दी है। हालांकि इसकी खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है। HSBC ने इसका टारगेट प्राइस 1440 रुपये से घटाकर 1425 रुपये कर दिया है। टारगेट प्राइस में यह कटौती अमेरिकी दवा नियामक के उठाए मुद्दों के निपटारे की लंबी प्रक्रिया और बढ़ी हुई लागत के चलते हुई है।
एक और ब्रोकरेज प्रभुदास लीलाधर ने 1,350 रुपये के टारगेट प्राइस पर इसे ‘बाय’ रेटिंग दी है। ब्रोकरेज के मुताबिक FY23-26E में इसका EPS सालाना 17 फीसदी की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ सकता है। हालांकि ब्रोकरेज का यह भी कहना है कि इंदौर यूनिट के मामले में अगर बात बिगड़ती है और अमेरिका में इसके प्रोडक्ट्स में कटौती होती है तो इसके शेयरों की चाल निगेटिव रूप से प्रभावित हो सकती है।
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