Happy Forgings IPO: हैप्पी फोर्जिंग लिमिटेड का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) आगामी 19 दिसंबर से बोली के लिए खुलने वाला है। कंपनी अपने आईपीओ से 1,009 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। इसमें से 400 करोड़ रुपये नए शेयर जारी कर जुटाए जाएंगे। वहीं 0.72 करोड़ शेयरों को कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों और प्रमोटरों की ओर से बिक्री के लिए रखा जाएगा। वहीं एंकर निवेशकों के यह इश्यू 18 दिसंबर को एक दिन के लिए खुलेगा। अगर आप भी इस IPO में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो उससे पहले ये 10 खास बातें जान लें-
Happy Forgings का 19 दिसंबर को खुलेगा IPO, प्राइस बैंड तय, पैसा लगाने से पहले जान लें ये 10 अहम बातें
1. IPO की तारीखें
हैप्पी फोर्जिंग लिमिटेड का आईपीओ 19 दिसंबर को निवेश के लिए खुलेगा और 21 दिसंबर को बंद होगा।
2. प्राइस बैंड
आईपीओ के लिए 808 से 850 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है।
3. ऑफर का साइज
हैप्पी फोर्जिंग लिमिटेड के लिए आईपीओ का कुल साइज 1,009 करोड़ रुपये है। इसमें से कंपनी नए शेयर जारी कर 400 करोड़ रुपये जुटाएगी। वही बाकी रकम इसके शेयरधारकों और प्रमोटरों के खाते में जाएगा, जो अपने हिस्से से 71.6 लाख शेयरों को बिक्री के लिए रखेंगे। इसमें से 49.2 लाख इक्विटी शेयर को प्रमोटर पारितोष कुमार गर्ग (HUF) बेचंगे। जबकि बाकी 22.4 लाख शेयर को निवेशक इंडिया बिजनेस एक्सीलेंस फंड-III की ओर से बेचा जाएगा। फिलहाल कंपनी की 88.24 फीसदी हिस्सेदारी प्रमोटरों के पास है। वहीं बाकी हिस्सेदारी निवेशक इंडिया बिजनेस एक्सीलेंस फंड-III के पास है।
4. IPO का उद्देश्य
हैप्पी फोर्जिंग ने बताया कि वह नए शेयरों को जारी कर जुटाए गए रकम का इस्तेमाल मशीनों और प्लांट को खरीदने में करेगी। इस मद में करीब 171.1 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। इसके अलावा करीब 152.76 करोड़ रुपये का इस्तेमाल लोन चुकाने में किया जाएगा। बाकी धनराशि का इस्तेमाल सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
5. लॉट साइज
इस आईपीओ में निवेशक लॉट के हिसाब से बोली लगा सकते हैं। न्यूनतम एक लॉट के लिए बोली लगानी होगी और एक लॉट में कंपनी के 17 शेयर होंगे। ऐसे में निवेशकों को 1 लॉट की बोली लगाने के लिए करीब 14,450 रुपये निवेश करने होंगे। रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट के लिए बोली लगा सकते हैं।
6. कंपनी के बारे में
हैप्पी फोर्जिंग की स्थापना जुलाई 1979 में हुई है। इसकी हैवी फोर्जिंग और मशीन घटकों के डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग में विशेषज्ञता है। यह कंपनी कई तरह प्रोडक्ट को बनाने, डिजाइन करने और उनकी टेस्टिंग में शामिल है। इसमें क्रैंकशाफ्ट, फ्रंट एक्सल वाहक, स्टीयरिंग पोर, डिफीरेंशिय हाउसिंग, ट्रांसमिशन पार्ट, पिनियन शाफ्ट, सस्पेंशन प्रोडक्ट्स और वॉल्व बॉडी आदि शामिल हैं।
यह भी पढ़ें- IT Stocks: आईटी शेयरों में लौटी रौनक, एनालिस्ट्स बोले- ‘अभी खरीदा तो लंबे समय तक कमाएंगे मुनाफा’
7. कंपनी की वित्तीय स्थिति
वित्त वर्ष 2023 में हैप्पी फोर्जिंग का शुद्ध मुनाफा 46.7 फीसदी बढ़कर 208.7 करोड़ रुपये रहा था। वबीं इसका ऑपरेटिंग प्रॉफिट (EBITDA) 47.7 फीसदी बढ़कर 341 करोड़ रुपये रहा, जबकि मार्जिन 1.70 फीसदी बढ़कर 28.5 फीसदी पर पहुंच गया है। रेवेन्यू के मोर्चे पर कारोबार भी मजबूत बना हुआ है और यह 39 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 1,197 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि मौजूदा वित्त वर्ष में कंपनी का ऐसा प्रदर्शन देखने को नहीं मिला है। सितंबर में खत्म हुई वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी का शुद्ध मुनाफा बस 2.5 फीसदी बढ़कर 119.3 करोड़ रुपये रहा।
8. लीड मैनेजर
JM फाइनेंशियल लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, इक्विरस कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड और मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स लिमिटेड इस आईपीओ के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। वहीं लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड इस इश्यू की रजिस्ट्रार है।
9. IPO से जुड़े जोखिम
(i) हैप्पी फोर्जिंग का कारोबार काफी हद तक इसके 10 बड़े ग्राहकों पर निर्भर है। वित्त वर्ष 2023, 2022 और 2021 में इन टॉप-10 ग्राहकों से कंपनी को क्रमश: 838.48 करोड़ रुपये, 641.9 करोड़ रुपये और 463.4 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला था। यह उसके कुल रेवेन्यू का क्रमशः 70.08 प्रतिशत, 74.64 प्रतिशत और 79.22 प्रतिशत था। कंपनी के टॉप-10 ग्राहकों में दाना इंडिया, VE कमर्शियल व्हीकल्स, अशोक लीलैंड, AAM इंडिया मैन्युफैक्चरिंग कॉरपोरेशन, मेरिटर HVS AB, JCB इंडिया और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल थे। इनमें से किसी भी ग्राहक के नुकसान में आने पर कंपनी के कारोबार पर भी विपरीत असर पड़ सकता है।
(ii) कंपनी अपनी प्राइमरी मैटेरियल और स्टील की सप्लाई के लिए सप्लायर्स के सीमित समूह पर निर्भर है। इसके अलावा, हैप्पी फोर्जिंग के पास सप्लायर्स के साथ लंबी अवधि के समझौते भी नही है। कंपनी का कारोबार और मुनाफा काफी हद तक स्टील की उपलब्धता और लागत पर निर्भर है। स्टील की सप्लाई में कोई भी रुकावट या कीमतों में अस्थिरता कारोबार को प्रभावित कर सकती है।
(iii) कंपनी अपने रेवेन्यू के लिए काफी हद तक क्रैंकशाफ्ट की बिक्री पर निर्भर है। इसका 45 प्रतिशत इसी उत्पाद से आता है। हालांकि अगर इसके क्लाइंट कंपनियां तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपनाती है, तो आगे इसकी बिक्री पर असर पड़ सकता है।
10. लिस्टिंग की तारीख
हैप्पी फोर्जिंग के शेयर बीएसई और एनएसई पर बुधवार 27 दिसंबर को सूचीबद्ध होंगे। यह आईपीओ 19 दिसंबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा और 21 दिसंबर को बंद होगा।