सीएनबीसी-आवाज़ निवेशकों के लिए रोजाना बड़े और दिग्गज ब्रोकरेज हाउसेज के निवेश टिप्स प्रस्तुत करते हैं जिससे उनको शेयरों पर निवेश करने की सटीक सलाह प्राप्त हो सके और उनको मुनाफा हो सके। इसके साथ ही इन शेयरों पर मुनाफा कमाने के लिए ब्रोकरेज हाउसेज ने क्या रणनीति अपनाई है वह भी बताते हैं। आज ब्रोकरेज हाउसेज ने आयशर मोटर्स (EICHER MOTORS ), विप्रो (WIPRO), टेक महिंद्रा (TECH MAHINDRA) और एचसीएल टेक (HCL TECH) पर दांव लगाया है। आयशर मोटर्स पर सिटी ने खरीदारी की राय दी है। जबकि विप्रो और टेक महिंद्रा पर बिकवाली की सलाह दी। जानते हैं इन स्टॉक्स के टारगेट प्राइस-
Stocks on Broker’s Radar: आयशर मोटर्स, विप्रो, टेक महिंद्रा और एचसीएल टेक पर ब्रोकरेज फर्मों ने लगाया दांव
सिटी ने आयशर मोटर्स पर खरीदारी की रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य बढ़ाकर 4700 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धा के बावजूद, रॉयल एनफील्ड का वॉल्यूम प्रिंट स्थिर रहा है। नवंबर 23 में कुल वॉल्यूम में 5% मासिक गिरावट लेकिन सालाना आधार पर 13% की वृद्धि देखी गई। नवंबर 23 में घरेलू वॉल्यूम में 7% मासिक गिरावट देखी गई जबकि 19% सालाना वृद्धि देखने को मिली।
सिटी ने विप्रो पर बिकवाली की रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 360 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि सीएफओ मीट टेकअवेज़ से पता चलता है कि तिमाही की शुरुआत में विजिब्लिटी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके साथ ही गैर जरूरी खर्चों को कम किया जा रहा है। रिनीवल के समय अधिक प्रोडक्टिविटी देखने को मिली है। बुकिंग के बीच कोरिलेशन की व्याख्या करना कठिन है। इसके अलावा जब तक डिमांड का माहौल नहीं बदलता है तब तक कंपनी अगले साल नियुक्ति के लिए कैंपस नहीं जाएगी
सिटी ने टेक महिंद्रा पर बिकवाली की रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 1000 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहा है कि सीएफओ मीट टेकअवे में 6 सेक्टर पर फोकस किया गया। 6 सेक्टर में अमेरिका के संचार, तकनीक और मीडिया, विविध उद्योग शामिल हैं। इन 6 सेक्टर्स में यूरोप, एशिया (एक्स-इंडिया) और भारत शामिल हैं। सेंट्रल डिलीवरी सेंटर संभवतः कंपनी को प्रोडक्टिविटी और तालमेल बढ़ाने में मदद करेगा।
सिटी ने एचसीएल टेक पर न्यूट्रल रेटिंग दी है। इसके शेयर का लक्ष्य 1295 रुपये प्रति शेयर तय किया है। उनका कहना है कि वर्ष की शुरुआत में गैर जरूरी खर्चों पर दबाव देखा गया। ईआर एंड डी बिजनेस के रेवन्यू में दो तिमाहियों में गिरावट देखी गई। क्लाइंट्स की छँटनी और विक्रेताओं पर अधिक असर के परिणामस्वरूप ER&D कारोबार प्रभावित हुआ।
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