कुमार मंगलम बिड़ला के लीडरशिप वाला आदित्य बिड़ला ग्रुप मिडिल ईस्ट की एक कंपनी नेब्रास पावर (Nebras Power)के साथ अपने रिन्यूएबल एनर्जी कारोबार में रणनीतिक निवेश के लिए बातचीत कर रहा है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक ये बातचीत काफी एडवांस स्टेज में है। इंडस्ट्री से जुड़े कई सूत्रों ने मनीकंट्रोल को ये जानकारी दी है कि आदित्य बिड़ला ग्रुप ग्रासिम के अंतर्गत आने वाले अपने रिन्यूएबल एनर्जी कारोबार को आगे बढ़ाने पर फोकस कर रहा है। अगर यह सौदा फलीभूत होता है तो यह संभवतः यह भारतीय रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में नेब्रास पावर का पहला निवेश होगा।
ग्रासिम इंडस्ट्रीज की ग्रीन एनर्जी शाखा निवेश के लिए कतर स्थित नेब्रास पावर के साथ बातचीत के एडवांस स्टेज में
नेब्रास पावर एक ग्लोबल पावर डेवलपमेंट और इन्वेस्टमेंट कंपनी है जिसका मुख्यालय दोहा, कतर में है। 2014 में स्थापित, यह फर्म कतर इलेक्ट्रिसिटी एंड वॉटर कंपनी के पूर्ण स्वामित्व वाला उद्यम है।
मनीकंट्रोल को इन सूत्रो में से एक ने बताया है कि नेब्रास पावर ने आदित्य बिड़ला रिन्यूएबल्स के साथ एक खास समझौता किया है। नेब्रास पावर ने दोनों पक्षों के बीच प्रस्तावित 51:49 जेवी के हिस्सेदार के रूप में लगभग 400 मिलियन डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है।
एक दूसरे व्यक्ति ने भी दोनों कंपनियों के बीच हुई बातचीत की पुष्टि की है। उसने कहा कि आदित्य बिड़ला रिन्यूएबल्स का वित्त वर्ष 2026 तक 4.5 गीगावॉट स्थापित क्षमता तक पहुंचने का लक्ष्य है और उसे इसके लिए ग्रोथ कैपिटल जुटाने की जरूरत है। इसके लिए नेब्रास वर्तमान में ड्यु डिलिजेंस कर रहा है।
एक तीसरे व्यक्ति ने मनीकंट्रोल को बताया कि निवेश बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड इस सौदे पर बिक्री सलाहकार है। इस व्यक्ति ने यह भी बताया कि बिड़ला समूह और नेब्रास पावर के बीच चल रही चर्चा फलीभूत हो सकती है और नहीं ही। इसके पहले जापानी और कनाडाई निवेशकों ने भी इस प्रोजेक्ट में अपनी रुचि दिखाई हो सकती है।
एक चौथे व्यक्ति ने भी इस बात की पुष्टि की है कि नेब्रास पावर प्रस्तावित सौदे के लिए उत्सुक था। इन सभी चार व्यक्तियों ने नाम न छापने की शर्त पर मनीकंट्रोल से बात की है। इस लेख के लिखे जाने तक आदित्य बिड़ला ग्रुप और नेब्रास पावर को भेजे गए ईमेल प्रश्नों का कोई जवाब नहीं मिला था। जैसे ही हम इन फर्मों का जवाब हासिल करेंगे वैसे ही यह लेख अपडेट कर दिया जाएगा। स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने इस बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।