वेंचर कैपिटल फर्म फायरसाइड वेंचर्स (Fireside Ventures) को मामाअर्थ (Mamaearth) में निवेश से जबरदस्त फायदा मिला है। मामाअर्थ, फायरसाइड वेंचर्स के पोर्टफोलियो की पहली ऐसी कंपनी है, जिसका IPO आया है। यह वेंचर कैपिटल फर्म कंज्यूमर स्टार्टअप में पैसा लगाती है। फायरसाइड ने मामाअर्थ में कुल 30 करोड़ रुपये निवेश किया और उसे रिटर्न के तौर पर 550 करोड़ रुपये से भी ज्यादा मिले। फर्म ने ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत अपना स्टेक बेचा।
Mamaearth के इश्यू से Fireside Ventures को मिला मोटा मुनाफा, स्टार्टअप्स के IPO से बेहतर कमाई करने का क्या है फंडा?
इसके अलावा, एक और ट्रांजैक्शन में वेंचर कैपिटल फर्म ने कुछ और शेयरों की बिक्री की और मामाअर्थ की पैरेंट कंपनी होनासा कंज्यूमर (Honasa Consumer) में निवेश से 4,500 पर्सेंट प्रॉफिट हासिल किया। फायरसाइड ने मामाअर्थ में 7.33 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से भुगतान किया था और पिछले ट्रेडिंग सेशन यानी 26 दिसंबर को कंपनी का शेयर 436.15 रुपये पर बंद हुआ था। मामाअर्थ के शेयरों में और तेजी की गुंजाइश नजर आ रही है। मामाअर्थ में फायरसाइड वेंचर्स की अभी भी 5 पर्सेंट हिस्सेदारी बची हुई है।
सवाल है कि बेंगलुरु की इस फर्म की शानदार सफलता का राज क्या है? हमने फायरसाइड वेंचर्स के पार्टनर और को-फाउंडर दीपांजन बसु से इस सिलसिले में बात की। उनका कहना था कि यह वेंचर कैपिटल फर्म ऐसी कंपनियों की पहचान कर उनमें निवेश करती है, जिनमें निवेशक बाद में काफी दिलचस्पी दिखाते हैं। फायरसाइड यह सुनिश्चित करती है कि पोर्टफोलियो कंपनियों के पास शुरू से ही फाइनेंस हेड/चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर हो। इसके अलावा, वेंचर कैपिटल फंड में एक ऐसे शख्स की नियुक्ति की जाती है, जो फंड की पोर्टफोलियो कंपनियों के कामकाज से जुड़े लोगों पर नजर रखता है।
हाल में स्टार्टअप सिस्टम में कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़ी शिकायतों पर बसु ने कहा, ‘इसका तात्कालिक जवाब फाइनेंशियल फ्रॉड है, लेकिन इसकी मूल वजह कुछ और है। ऐसी ज्यादातर घटनाओं की मुख्य वजह यह है कि फाउंडर के हाथों में काफी ज्यादा अधिकार होते हैं। यह किसी संस्थान से जुड़ा मसला होता है, जो बाद में फाइनेंशियल गड़बड़ियों में बदल जाता है। हालांकि, वास्तव में यह लोगों से जुड़ी समस्या है।’ पोर्टफोलियो कंपनियों में ऐसे मामलों से जुड़े जोखिम को कम करने के लिए फायरसाइड यह सुनिश्चित करने की कोशिश करता है कि स्टार्टअप के बोर्ड में कम से कम एक इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हो।