Daily Voice : शॉर्ट टर्म में बाजार में 10 फीसदी की गिरावट आने की उम्मीद है। लेकिन ये गिरावट बजट का बाद ही पूरी होगी। बजट के बाद कुछ महीनों के लिए सब कुछ शांत रहने वाला है। ये बातें सैमको म्यूचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी उमेश कुमार मेहता ने मनीकंट्रोल के साथ साक्षात्कार में कही हैं। गौरतलब है कि अब तक बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई से 3.5 फीसदी टूट चुका है। उमेश का मानना है कि माइक्रोकैप और स्मॉलकैप में पहले से ही कमजोरी के संकेत दिख रहे हैं।
Daily Voice : बाजार बजट के बाद पूरा करेगा 10% करेक्शन, पावर सेक्टर में दिखेगी जोरदार तेजी
पावर सेक्टर को लेकर बुलिश
अलग-अलग सेक्टर्स की बात करें तो उमेश कुमार पावर सेक्टर को लेकर बुलिश हैं। कैपिटल मार्केट में 24 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले उमेश कुमार कहते हैं कि सोलर, विंड और ग्रीन हाइड्रोजन के जरिए रिन्यूएबल एनर्जी का उत्पादन बढ़ाने का रोड मैप अगले कुछ सालों के लिए एक मेगा ट्रेंड के रूप में उभरना चाहिए।
अनसिक्योर्ड या पर्सनल लोन के आंकड़ों में बढ़त से चिंता
तीसरी तिमाही के नतीजों पर बात करते हुए उमेश ने कहा कि मौजूदा तिमाही या छमाही आंकड़ों में लगभग सभी सेक्टर्स ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन अनसिक्योर्ड या पर्सनल लोन के मुद्दे पर जोखिम नजर आ रहा है। इसमें भारी बढ़त देखने को मिली है। हालांकि, आरबीआई उचित नीतिगत उपायों के जरिए से इसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है। लेकिन अनसिक्योर्ड लोन के पोर्टफोलियो में 48 लाख करोड़ रुपये का चौंका देने वाला आंकड़ा चिंता का कारण है। चार साल पहले ये सिर्फ इसका आधा था। कॉर्पोरेट बैलेंस शीट मजबूत हुई है, लेकिन जनता पर जितना कर्ज है, उसे देखते हुए उनकी वित्तीय स्थिति पहले से कहीं ज्यादा कमजोर हो सकती है। मारुति सुजुकी को बाजार में सस्ती कारें बेचने में कठिनाई हो रही है, लेकिन प्रीमियम कारें तेजी से बिक रही हैं। ये चिंता का विषय है।
कंपनियों के मैनेजमेंट की कमेंट्री अच्छी
कंपनियों के मैनेजमेंट की कमेंट्री और आगे आउटलुक पर बात करते हुए उमेश ने कहा कि मैनेजमेंट की कमेंट्री अच्छी हैं लेकिन याद रखें कि वे हाई ग्रोथ वाले साल के बैकग्राउंड में बोल रहे हैं। कभी-कभी हम पर पूर्वाग्रह हावी हो जाते हैं। आईटी में हमें एलटीआईमाइंडट्री और इंफोसिस में अलग-अलग विचार देखने को मिले हैं।
क्यूएसआर ( रेस्तरां) कंपनियों को अभी भी उम्मीद है कि महंगाई कम हो जाएगी और इस साल गैर-जरूरी या शौकिया खर्च के लिए लोगों की क्रय शक्ति में बढ़त होगी। दूसरी ओर रियल्टी सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है और ज्यादा मजबूत संभावनाएं भी दिखा रहा है। कुल मिलाकर, अधिकांश कंपनियां आगे भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं।
आगे बैंकिंग शेयरों में तेजी आने की उम्मीद
बैंकिंग शेयरों पर बात करते हुए उमेश ने कहा कि पिछले साल जब शेयर बाजार में तेजी थी और रियल्टी सेक्टर की बिक्री अब तक के हाई पर थी तो बैंकिंग सेक्टर को कच्चे माल की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। बैंकों के लिए कच्चा माल लागत जमा (cost deposits) है। यह स्थिति डरावनी थी। इससे अधिकांश निजी बैंकों और एनएफबीसी की लागत बढ़ गई थी। हालांकि पीएसयू बैंकों के लिए परेशानी थी।
लेकिन जब हालात बदलेंगे तो बैंक वैल्यूशन और ग्रोथ दोनों की पैमानों पर बेहतर स्थिति में होंगे। पीएसयू बैंकों में तेजी है और ये आगे भी जारी रह सकती है। लेकिन लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन के नजरिए से प्राइवेट बैंकों का रिस्क-रिवार्ड रेशियो अब बेहतर नजर आ रहा है।
बाजार करेक्शन की तैयारी में
क्या आपको लगता है कि नई ऊंचाई की ओर बढ़ने के अगले चरण से पहले, बाजार में शॉर्ट टर्म में 10 फीसदी का करेक्शन पूरा करेगा? इसके जवाब में उमेश ने कहा कि शॉर्ट टर्म में बाजार में 10 फीसदी की गिरावट आने की उम्मीद है। लेकिन ये गिरावट बजट का बाद ही पूरी होगी, क्योंकि बजट के बाद कुछ महीनों के लिए सब कुछ शांत रहने वाला है। माइक्रोकैप और स्मॉलकैप पहले से ही कमजोरी के संकेत दे रहे हैं। सभी स्टॉक रैली में भाग नहीं ले रहे हैं। थोड़े से स्टॉक अभी भी बढ़ रहे हैं लेकिन हर दिन यह संख्या भी गिर रही है। इसको देखते हुए कहा जा सकता है कि बाजार करेक्शन की तैयारी कर रहा है।
महंगे हो चुके वैल्यूएशन से चिंता
रेट कट की संभावना पर बात करते हुए उमेश ने कहा कि ब्याज दरों में कटौती, चाहे वह अभी हो या छह महीने बाद, चिंता की बात नहीं है। चिंता पूंजीगत व्यय पर आधारित कुछ सेक्टरों जैसे ऑटो, रियल्टी, पावर आदि में झागदार या काफी महंगे हो चुके वैल्यूएशन को लेकर है। ये वैल्यूएशन अति आशावाद की उपज है। जब कंपनियों को नतीजें उम्मीद से कमजोर रहेंगे तो बाजार को निराशा होगी।
आईटी शेयरों को पोर्टफोलियो में करें शामिल
आईटी सेक्टर पर बात करते हुए उमेश ने कहा कि दुनियाभर में ब्याज दरों और महंगाई को लेकर सुधरती स्थिति को देखते हुए आईटी सेक्टर अच्छा लग रहा है। आईटी शेयरों को पोर्टफोलियो का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए। लॉन्ग टर्म में आईटी शेयर अच्छे वेल्थ क्रिएटल साबित होंगे।
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