मार्केट में गिरावट से घबराए निवेशकों को संजय चावला (Sanjay Chawla) की बातों से राहत मिल सकती है। उनका मानना है कि मार्केट में बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है। चावला बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड (Baroda BNP Paribas Mutual Fund) के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर (इक्विटी) हैं। उन्होंने कहा कि अगर मार्केट में बड़ी गिरावट आती है तो उन्हें हैरानी होगी। इसकी वजह यह है कि इंडिया की इकोनॉमिक ग्रोथ स्ट्रॉन्ग है। इनफ्लेशन RBI के तय दायरे में है। साथ ही पॉलसी के मामले में किसी तरह का उठापटक नहीं है।
बड़ौदा म्यूचुअल फंड के संजय चावला को बड़ी गिरावट की आशंका नहीं, कहा-समॉलकैप्स में कमाई के मौके मिलते रहेंगे
स्मॉलकैप में लंबी अवधि में पैसे बनाने के मौके मिलते रहेंगे
मनीकंट्रोल से बातचीत में चावला ने स्टॉक मार्केट और इनवेस्टमेंट के बारे में कई अहम बातें बताईं। फंड मैनेजमेंट, इक्विटी रिसर्च और मैनेजमेंट कंसल्टेंसी में 33 साल से ज्यादा अनुभव रखने वाले चावला स्मॉलकैप स्टॉक्स को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि स्मॉलकैप स्टॉक्स में लंबी अवधि में पैसे बनाने के मौके मिलते रहेंगे।
मार्केट न तो महंगा है और न ही सस्ता
इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशंस के बारे में उन्होंने कहा कि प्रमुख सूचकांकों (Nifty और Sensex) की वैल्यूएशंस वित्त वर्ष 2024-25 की अनुमानित कमाई की करीब 20 गुना है। यह 10 साल की औसत वैल्यूएशंस के करीब है। इसलिए मार्केट न तो महंगा है और न ही सस्ता है। इसलिए अगर मार्केट में बड़ी गिरावट आती है तो मुझे हैरानी होगी। इकोनॉमिक ग्रोथ, इनफ्लेशन सहित कई चीजें पॉजिटिव हैं। उन्होंने कहा कि मीडियम से लंबी अवधि में मार्केट को लेकर हमारी सोच पॉजिटिव है। बीते एक साल में मार्केट का रिटर्न करीब 39 फीसदी रहा है। ऐसे में अगले वित्त वर्ष में ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं की जा सकती। मार्केट की चाल अब कंपनियों की कमाई पर निर्भर करेगी।
स्मॉलकैप स्टॉक्स में कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना होगा
क्या आपको स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स में कोई बुलबुला दिखता है? इस सवाल के जवाब में चावला ने कहा कि स्मॉलकैप सेगमेंट में पैसे बनाने के मौके मिलते रहेंगे। हालांकि, निवेशकों को स्मॉलकैप स्टॉक्स में लंबी अवधि के लिहाज से निवेश करना चाहिए। लंबी अवधि का मतलब कम से कम 5 साल है। इसकी वजह यह है कि मार्केट में बीच-बीच में उतार-चढ़ाव चलता रहेगा। स्मॉलकैप और मिडकैप स्टॉक्स में पिछले कुछ समय में बहुत ज्यादा तेजी आई है।
बैंकिंग सेक्टर की वैल्यूएशन हिस्टोरिकल एवरेज से कम
बैंकिंग स्टॉक्स के बारे में चावला ने कहा कि अनसेक्योर्ड लोन खासकर छोटे अमाउंट के लोन की ग्रोथ बढ़ी है। क्रेडिट ग्रोथ नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ रेट से करीब 500 बेसिस प्वाइंट्स ज्यादा है। डिपॉजिट ग्रोथ कम है। बैंकों में हाई क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो RBI के रडार पर है। हालांकि, एसेट क्वालिटी में किसी तरह की गिरावट के संकेत नहीं हैं। ज्यादातर बैंकों की बैलेंशशीट क्लीन है। अगर वैल्यूएशन के लिहाज से देखा जाए तो ऐतिहासिक वैल्यूएशन के मुकाबले बैंकिंग सेक्टर में कम पर ट्रेडिंग हो रही है। लेकिन, अगर कोई सेक्टर रेगुलेटर के रडार पर है तो उसका प्रदर्शन तभी बेहतर होगा, जब रेगुलेटर की चिंताएं खत्म हो जाएंगी।
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