FY25 के लिए बाजारों पर बुलिश है ये स्मॉलकेस मैनेजर, इन 4 थीम्स पर है खास फोकस

वित्त वर्ष 24 जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, भारतीय शेयर बाजार ने अपनी स्थिरता बनाए रखी है। बाजार में कई स्टॉक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं और शेयरधारकों को उल्लेखनीय मुनाफा हुआ है। देश की स्थिर मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति और मजबूत आय वृद्धि को देखते हुए संस्थागत निवेशक भारतीय शेयरों को प्राथमिकता दे रहे हैं। मध्य-छोटे और पीएसयू शेयरों ने वित्त वर्ष 2024 में असाधारण प्रदर्शन किया और पर्याप्त रिटर्न दिया। जबकि इंडियन प्राइमरी मार्केट गतिविधि आशावादी भावना के साथ आगे बढ़ी। यहां पर स्मॉलकेस मैनेजर और Dynamic Equities के फाउंडर ने शैलेश सराफ ने FY25 में फोकस वाले थीम्स पर प्रकाश डाला है।

FY24 के दौरान की हाइलाइट्स

पूरे वित्तीय वर्ष में, निफ्टी 50 इंडेक्स कई महत्वपूर्ण माइलस्टोन तक पहुंच गया। जून में ये 19,000 को पार कर गया। सितंबर और दिसंबर में क्रमशः 20,000 और 21,000 तक पहुंच गया। जनवरी में यह 22,000 के अंक तक पहुंच गया। यहां तक कि 7 मार्च को 22,525 के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।

दिसंबर में, एनएसई पर लिस्टेड भारतीय कंपनियों ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। उनका मार्केट कैपिटलाइजेशन पहली बार $4 ट्रिलियन (334.72 लाख करोड़ रुपये) को पार कर गया।

वित्त वर्ष के दौरान निफ्टी इंडेक्स ने 30 प्रतिशत का रिटर्न दिया। ब्रॉडर इंडेक्सेस विशेष रूप से निफ्टी स्मॉलकैप 100 ने इसी अवधि के दौरान 70 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दिया। जबकि निफ्टी पीएसई इंडेक्स ने 105 प्रतिशत का रिटर्न दिया।

इस अहम उपलब्धि का श्रेय बाजार में रिटेल निवेशकों की जोरदार भागीदारी और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (oreign portfolio investors (FPIs) के महत्वपूर्ण निवेश को दिया जा सकता है। इन्होंने वित्त वर्ष 24 में कैश मार्केट में 1,50,000 करोड़ रुपये की भारी खरीदारी की। आगामी लोकसभा चुनावों तक निरंतर राजनीतिक स्थिरता की उम्मीदों ने भी बाजार को सपोर्ट किया।

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FY25 के लिए आउटलुक

चुनाव पूर्व रैली के कारण बाजार में तेजी रहने की संभावना है। यह FII डेटा द्वारा समर्थित है जो मार्च में कैश मार्केट (24,000 करोड़ रुपये) में शुद्ध खरीदार रहे हैं। अप्रैल कॉन्ट्रैक्ट में भी इनकी बड़ी पोजीशंस है। इसे इससे सपोर्ट मिला है कि निफ्टी और निफ्टी स्मॉलकैप दोनों ने वित्त वर्ष 24 को क्रमशः अपने 20 मूविंग एवरेज से ऊपर समाप्त किया।

फेड ने इस वर्ष के लिए दरों में 3 कटौती का संकेत दिया है। जिसके परिणामस्वरूप आरबीआई (RBI) ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। जिससे इस वित्तीय वर्ष के लिए शेयर बाजारों में अधिक लिक्विडिटी आएगी।

ब्लूमबर्ग एक उभरते बाजार इंडेक्स में भारतीय बांडों को शामिल करेगा। संभवतः इससे वित्त वर्ष 2025 में 3-4 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित होगा।

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने इंडस्ट्रियल और कैपेक्स गतिविधियों में चल रहे मोमेंटम का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2025 में भारत के लिए अपने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.8 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। जो पिछले अनुमान 6.5 प्रतिशत से अधिक है। इससे बाजार को पॉजिटिव रूप से बूस्ट मिलेगा।

उपरोक्त कारणों के चलते हुए हम वित्त वर्ष 2025 के लिए बाजारों को लेकर काफी उत्साहित हैं।

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इन सेक्टर्स पर रहेगा खास फोकस

कैपिटल गुड्स, ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर सर्विसेस सेक्टर विदेशी संस्थागत निवेशकों (foreign institutional investors (FIIs) के पसंदीदा सेक्टर हैं। ये वित्त वर्ष 2024 में उनके महत्वपूर्ण निवेश से स्पष्ट हो गया है। कैपिटल गुड्स में सबसे अधिक 48,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। इसके बाद कंज्यूमर सर्विसेस और ऑटोमोबाइल में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। बढ़ती मांग और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए सरकारी प्रयास के कारण इन सेक्टर्स के और अधिक फलने-फूलने की उम्मीद है।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। निफ्टी पीएसई इंडेक्स ने प्रमुख इंडेक्सेस से बेहतर प्रदर्शन किया है। इससे निवेशकों के बढ़ते विश्वास का संकेत मिलता है। इसके बावजूद, पीएसयू का वैल्यूएशन अभी भी कम है, जो आगे मुनाफे के अवसर पेश कर रहा है। ‘मेक इन इंडिया’ जैसे प्रयास पर सरकार के फोकस और रेलवे और रक्षा जैसे सेक्टर्स में बढ़ते खर्च ने मार्केट कैपिटलाइजेशन में लगभग 20 लाख करोड़ रुपये की उल्लेखनीय बढ़त में अपना योगदान दिया है। 2024 के आम चुनावों में मौजूदा सरकार की जीत की उम्मीदों और मजबूत ऑर्डर बुक ने भी पीएसयू में निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है। इससे मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल्स और उच्च डिमांड का संकेत मिल रहा है।

(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)

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