Mutual Fund News: 30 महीने में पहली बार मार्च में स्मॉलकैप म्यूचुअल फंडों में निवेशकों ने निवेश से अधिक निकासी की। बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने जब से इस सेगमेंट से जुड़ी चिंताएं जताई हैं, निवेशक काफी सावधान हो गए हैं। इसी वजह से मार्च में ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश 16 फीसदी गिरकर 22,633 करोड़ रुपये पर आ गया। ये आंकड़े म्यूचुअल फंड बॉडी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) ने आज 10 अप्रैल को जारी किए हैं। हालांकि इक्विटी फंड्स में निवेश लगातार 37वें महीने पॉजिटिव जोन में बना हुआ है।
Mutual Fund News: 30 महीने में पहली बार गिरा स्मॉलकैप फंड में निवेश, अब यहां लगा रहे निवेशक पैसे
SEBI ने सभी म्यूचुअल फंडों के दिए थे अहम निर्देश
बाजार नियामक सेबी ने 27-28 फरवरी को सभी म्यूचुअल फंड्स को निर्देश दिया था कि वे अपने स्मॉल और मिडकैप फंड पोर्टफोलियो का परीक्षण कर यह चेक करें कि अपने बेंचमार्क की तुलना में वे कितने लिक्विड और वोलेटाइल हैं। सेबी ने इसे लेकर सभी फंड हाउसों को स्ट्रेस टेस्ट करने को कहा ताकि यह सामने आ सके कि स्मॉल और मिडकैप पोर्टफोलियो की 50 फीसदी और 25 फीसदी हिस्सेदारी को लिक्विडेट करने में कितना समय लगेगा। पहले स्ट्रेस टेस्ट का जो रिजल्ट 15 मार्च के आस-पास आया था, उसमें सामने आया था कि मार्केट में भगदड की स्थिति में मिडकैप फंड्स का 50 फीसदी लिक्विडेट करने में 6 दिन और स्मॉलकैप फंड्स का 50 फीसदी हिस्सा लिक्विडेट करने में 14 दिन लगेंगे।
लॉर्जकैप फंडों में बढ़ा निवेश
स्मॉलकैप फंडों में फरवरी में 2,922.45 करोड़ रुपये के नेट इनफ्लो के मुकाबले मार्च में 94 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो दिखा। इससे पहले आखिरी बार स्मॉलकैप फंडों से 249 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी सितंबर 2021 में हुई थी। AMFI के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में 1,808.18 करोड़ रुपये के निवेश के मुकाबले मार्च में मिडकैप फंडों में नेट इनफ्लो 44 फीसदी घटकर 1,018 करोड़ रुपये रह गया। वहीं लार्जकैप फंडों में माहौल बदल गया और मार्च में निवेश 131 फीसदी बढ़कर 2,128 करोड़ रुपये हो गया।
कोटक महिंद्रा एएमसी के हेड (सेल्स, मार्केटिंग और डिजिटल बिजनेस) मनीष मेहता का कहना है कि मार्केट में उछाल के चलते निवेशकों ने मुनाफावसूली की SIP में निवेश जारी रहा। हालांकि निवेशक स्मॉलकैप स्कीम से लॉर्जकैप की तरफ शिफ्ट हुए। एसआईपी के जरिए निवेश लगातार दूसरे महीने 19 हजार करोड़ रुपये से ऊपर बना रहा। AMFI के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में 19187 करोड़ रुपये का निवेश एसआईपी में आया जो मार्च में बढ़कर 19,271 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
मनीष के मुताबिक वित्त वर्ष का आखिरी महीना होने के नाते फिक्स्ड-इनकम में निवेश से अधिक निकासी हुई।
फिक्स्ड-इनकम कैटेगरी में डेट म्यूचुअल फंड्स से करीब 2 लाख करोड़ रुपये की नेट निकासी हुई। लिक्विड फंड्स में नेट सेलिंग 1,57,970 करोड़ रुपये और अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन में 9,135 करोड़ रुपये की रही। टाटा एसेट मैनेजमेंट के बिजनेस हेड (बैंकिंग, इंस्टीट्यूशनल क्लाइंट्स, अल्टरनेट प्रोडक्ट्स और प्रोडक्ट स्ट्रैटेजी) आनंद वरदराजन का कहना है कि डेट कैटेगरी में निवेश से अधिक निकासी हुई, सिवाय लॉन्ग-ड्यूरेशन फंड्स के। डेट फंड्स से नेट आउटफ्लो के चलते भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का ओवरऑल AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) परवरी में 54.50 लाख करोड़ से गिरकर 53.40 लाख करोड़ रुपये पर आ गया।