Elon Musk की आहट पर रॉकेट बने EV Stocks, इन कंपनियों की पहले से ही है Tesla से कारोबारी संबंध

Elon Musk India Visit effect on EV Stocks: इलेक्ट्रिक वीइकल्स (EVs) बनाने वाली टेस्ला (Tesla) के मालिक एलॉन मस्क (Elon Musk) भारत आने वाले हैं। इसने ऑटो एंसिलरी कंपनियों के शेयरों में चाबी भर दी है। सांधर टेक (Sandhar Tech) और सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिशन (Sona BLW Precision) के शेयर 7 फीसदी तक उछल गए। एलॉन मस्क ने 10 अप्रैल को खुलासा किया कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं। उन्होंने यह खुलासा X (पूर्व नाम Twitter) पर किया। इस दौरे को लेकर माना जा रहा है कि यह टेस्ला की भारत में एंट्री की दिशा में अगला कदम है। इसी के चलते ईवी के पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों के शेयर चढ़ने लगे।

Tesla की भारत में एंट्री पर क्यों चढ़ रहे EV Stocks?

ब्लूमबर्ग सप्लायर डेटाबेस के मुताबिक भारत में टेस्ला के पांच सप्लायर्स- सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स, हिंडाल्को, समवर्धन मदरसन इंटरनेशनल, सुप्रजीत इंजीनियरिंग और वैरोक इंजीनियरिंग हैं। हालांकि ये टेस्ला को क्या सप्लाई करती हैं, इसके बारे में पक्के तौर पर कुछ कह नहीं सकते हैं लेकिन अगर टेस्ला यहां अपनी फैक्ट्री खोलती है तो इन कंपनियों को फायदा मिलेगा। इसके अलावा रिपोर्ट्स के मुताबिक टेस्ला को Sandhar Technologies और Bharat Forge भी कंपोनेंट्स की सप्लाई करती है।

टेस्ला की भारत में एंट्री की संभावना पर ऑटो इंडस्ट्री को सिस्टम्स और कंपोनेंट्स सप्लाई करने वाली Sona BLW Precision Forgings के शेयर 7.5 फीसदी से अधिक उछलकर 706.05 रुपये पर पहुंच गए।

SKF India के शेयर करीब 3 फीसदी उछल गए। यह बेयरिंग्स, सील्स, लुब्रिकेशन, कंडीशन मॉनीटरिंग और मेंटनेंस सर्विसेज के जरिए ऑटोमोटिव और इंडस्ट्रियल इंजीनियर्ड सॉल्यूशंस मुहैया कराती है। इसकी पैरेंट कंपनी ने टेस्ला के साथ तब काम किया था, जब इसने वर्ष 2008 में अपनी पहली स्पोर्ट्स कार लॉन्च की थी।

Sandhar Technologies के भी शेयर करीब 3 फीसदी उछल गए। इसने टेस्ला के मॉडल 3 के लिए वाइपर सिस्टम एसेंबली के लिए दो कंपोनेंट्स बनाए हैं। तब से इसने सीधे या तकनीकी साझेदारी के जरिए टेस्ला के कई कंपोनेंट्स बनाए हैं। अगर टेस्ला भारत में आती है तो इसे तगड़ा फायदा मिलेगा।

टेस्ला की एक और सप्लायर Suprajit Engineering के शेयर 2 फीसदी उछल गए। नॉर्वे की कंपनी Kongsberg Automotive ASA के लाइट ड्यूटी केबल बिजनेस यूनिट को खरीदने के बाद से यह 2022 से टेस्ला समेत कुछ वैश्विक कंपनियों को प्रॉडक्ट्स की सप्लाई करती है।

वैरक इंजीनियरिंग (Varroc Engineering) की बात करें तो टेस्ला से इसे पहला ऑर्डर वर्ष 2017 में मिला था। इसके चहत इसने टेस्ला के मॉडल एस सेडान और मॉडल एक्स क्रॉसओवर को पूरा लाइटिंग सिस्टम मुहैया कराया था। उसके बाद से टेस्ला से इसे कई ऑर्डर्स मिल चुके हैं। हालांकि इसके शेयर आज रेड जोन में हैं।

अहम मौके पर आ रहे हैं Elon Musk

एलॉन मस्क ऐसे समय में भारत आ रहे हैं जब भारत सरकार इलेक्ट्रिक वीईकल्स से जुड़ी एक पॉलिसी लेकर आई है। इसमें उन विदेशी कंपनियों को छूट देने की बात कही गई है जो यहां पूरी तरह से आयातित कार बेचते हैं लेकिन यहीं मैनुफैक्चरिंग के लिए निवेश करने को तैयार हों। टेस्ला पहले ही यहां वेंडर बेस सेटअप करने के लिए तैयार हो चुकी है। अभी टेस्ला का आधे से अधिक वैश्विक प्रोडक्शन चीन में होता है और अगर टेस्ला भारत में एंट्री करती है तो इसे अपने वेंडर्स को चीन से भारत लाना होगा।

पिछले साल जून में न्यूयॉर्क में पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद एलॉन मस्क ने कहा था कि टेस्ला जल्द से जल्द भारत में होगी। अब पीएम मोदी और एलॉन मस्क की फिर से मुलाकात होनी है तो माना जा रहा है कि वह यहां एक फैक्ट्री लगाने से जुड़े प्रोजेक्ट का ऐलान कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टेस्ला भारत में 300 करोड़ डॉलर तक निवेश कर सकती है। यह एंट्री-लेवल के इलेक्ट्रिक कार यहीं बनाने के लिए फैक्ट्री लगा सकती है। माना जा रहा है कि भारतीय फैक्ट्री में 25 लाख रुपये के आस-पास की कीमत के मॉडल 2 बनाया जा सकता है।

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