स्टॉक मार्केट को लोकसभा चुनावों में बीजेपी के कमजोर प्रदर्शन के बाद बजट में ग्रामीण इलाकों पर फोकस बढ़ने की उम्मीद थी। लेकिन, उसे यह अंदाजा नहीं था कि सरकार कई टैक्स बढ़ा देगी। आम तौर पर यह माना जाता है कि कैपिटल गेंस टैक्स में बदलाव से बाजार में बड़ी बिकवाली हो सकती है। इसलिए उम्मीद थी कि सरकार ऐसा नहीं करेगी। लेकिन, सरकार ने चौंकाते हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ा दिए। इतना नहीं डेरिवेटिव ट्रेड पर एसटीटी भी बढ़ाया। अब तक शेयर बायबैक से होने वाली इनकम पर 20 फीसदी टैक्स लगता था। अब इसे डिविडेंड माना जाएगा और इस पर इनवेस्टर के टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।
Budget 2024: निवेशकों के लिए तीन टैक्स बढ़ जाने के बावजूद मार्केट में क्यों नहीं आई गिरावट? – budget 2024 why does market not fall even after increase in three taxes for investors
विदेशी निवेशकों ने शुरू की है खरीदारी
यह मजेदार है कि अचानक तेज गिरावट के बाद जल्द मार्केट निराशा से उबरने में सफल रहा। एक समय तो यह हरे निशान में आ गया था। लेकिन, क्लोजिंग थोड़ी गिरावट के साथ हुई। बाजार में रिकवरी की बड़ी वजह स्ट्रॉन्ग लिक्विडिटी रही। रिटेल निवेशक जमकर मार्केट में पैसा लगा रहे हैं। वे सीधे शेयर खरीदने के साथ ही म्यूचुअल फंड की स्कीमों में SIP, PMS और AIF में निवेश कर रहे हैं। खास बात यह है कि कुछ महीने पहले इंडियन मार्केट्स की वैल्यूएशन बढ़ने की शिकायत करने वाले विदेशी निवेशकों ने भी अब खऱीदारी शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) ने 55,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे हैं। उधर, SIP के जरिए हर महीने 20,000 करोड़ रुपये का निवेश मार्केट में आ रहा है।
म्यूचुअल फंड्स के निवेशक SIP से कर रहे काफी निवेश
दूसरा, गिरावट पर खरीदारी की स्ट्रेटेजी में भी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। इस साल मार्ट में SEBI ने स्मॉल और मिडकैप स्टॉक्स की कीमतों में बुलबुला बनने की बात कही थी। लेकिन, उसका ज्यादा असर नहीं पड़ा। कुछ समय की गिरावट के बाद मार्केट फिर से नई ऊंचाई पर पहुंच गया। पिछले कुछ हफ्तों में कई म्यूचुअल फंडों ने अपनी कैश होल्डिंग बढ़ाई है। इसकी वजह हाई वैल्यूशन को लेकर उनकी चिंता है। लेकिन, अगर सभी म्यूचुअल फंडों के कैश को मिला दिया जाए तो उसका 4-5 फीसदी भी एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाएगा। जब मार्केट चढ़ रहा होता है तो म्यूचुअल फंडों के सामने अपने पैसे का इस्तेमाल करने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं होता है।
प्रमोटर्स को हिस्सेदारी बेचने से मिला पैसा दोबारा मार्केट में आ रहा
तीसरा, पिछले कुछ महीनों से कई प्रमोटर्स और प्राइवेट इक्विटी इनवेस्टर्स अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं। यह पैसा फिर से सीधे, फैमिली ऑफिस या एआईएफ के जरिए मार्केट में आ रहा है। इसके बावजूद वैल्यूएशन को लेकर चिंता की अनदेखी करना मुश्किल है। 3P Investment Managers के प्रशांत जैन ने कहा कि टैक्स बढ़ने के बावजूद यह बजट कुल मिलाकर पॉजिटिव है। लेकिन, मैन्युफैक्चरिंग, इंडस्ट्रियल और डिफेंस स्टॉक्स को लेकर उनकी राय बेयरिश है। पिछले एक साल में इन शेयरों में आई तेजी की वजह से उनका रुख सावधानी भरा है।
यह भी पढ़ें: Budget 2024 Highlights
आने वाले दिनों में मार्केट में आ सकती है बड़ी गिरावट
बेंगलुरु के ट्रेडर राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले साल एसटीटी बढ़ाया गया था। इसके बाद मार्केट 0.20 फीसदी गिरा था। लेकिन, उसके अगले हफ्ते यह 1.5 फीसदी गिरा था। उन्होंने कहा कि टैक्स बढ़ने का असर बाद के दिनों में दिखता है। एमके ग्लोबल के स्ट्रेटेजिस्ट शेषाद्री सेन ने कहा है कि आने वाले दिनों में निफ्टी में 5-10 फीसदी गिरावट आ सकती है। निफ्टी की वैल्यूएशन पहले से ही एक साल के फॉरवर्ड अर्निंग का 21.4 गुना है। यह ज्यादा है। इसके अलावा वैश्विक मार्केट में बिकवाली शुरू हो गई है। केडियानॉमिक्स के फाउंडर सुशील केडिया का कहना है कि इंडियन मार्केट कभी भी इस ग्लोबल करेक्शन का हिस्सा बन सकता है।