Union Budget 2024 : नीलेश शाह ने उम्मीद व्यक्त की कि भारत अगले तीन से चार सालों में प्राथमिक घाटे से प्राथमिक अधिशेष वाले देश में बदल हो सकता है। शाह ने कहा कुछ समय बाद केंद्र और राज्य का संयुक्त राजकोषीय घाटा 8 फीसदी से कम हो जाएगा। उनका मानना है कि हालांकि केंद्रीय बजट में केपिटल गेन टैक्स में बढ़त के ऐलान को लेकर चिंताएं हैं, लेकिन फिस्कल कंसोलीडेशन से होने वाले फायदे इस कर में बढ़त के संभावित नुकसानों से ज्यादा होंगे।
Budget 2024 : फिस्कल कंसोलीडेशन के फायदे से कैपिटल गेन टैक्स में बढ़त से होने वाले नुकसान की हो जाएगी भरपाई : नीलेश शाह – budget 2024 benefits of fiscal consolidation will compensate for the loss caused by the increase in capital gains tax nilesh shah
“मैं बजट में फिस्कल कंसोलीडेशन (राजकोषीय अनुशासन) से खुश हूं”
कोटक म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह का मानना है कि हालांकि केंद्रीय बजट में केपिटल गेन टैक्स में बढ़त के ऐलान को लेकर चिंताएं हैं, लेकिन फिस्कल कंसोलीडेशन से होने वाले फायदे इस कर में बढ़त के संभावित नुकसानों से ज्यादा होंगे। मनीकंट्रोल से हुए विशेष बातचीत में नीलेश शाह ने कहा, “मैं बजट में फिस्कल कंसोलीडेशन (राजकोषीय अनुशासन) से खुश हूं।”
उन्होंने कहा, “पिछले साल जब बजट पेश किया गया था, तब राजकोषीय घाटा 5.8 फीसदी था और अब हम 4.9 फीसदी की बात कर रहे हैं। कर संग्रह में उछाल, संभावित विनिवेश और आरबीआई के साथ-साथ पीएसयू कंपनियों से संभावित हाई डिविडेंट के साथ, यह आंकड़ा और भी अधिक आश्चर्यचकित कर सकता है।” वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज पेश बजट के मुताबिक केंद्र सरकार ने 2024-25 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 फीसदी रखा है।
यह लक्ष्य अंतरिम बजट में निर्धारित 5.1 फीसदी से काफी कम है, जो कि पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान 5.8 फीसदी से 70 बेसिस प्वाइंट कम है। (एक बेसिस प्वाइंट एक फीसदी अंक के सौवें हिस्से के बराबर होता है।)
इस बीच, नीलेश शाह ने राजकोषीय घाटे को और कम करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर बात करते हुए कहा कि अगले वर्ष के लिए 4.5 फीसदी राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा गया है और आगामी वर्षों में भारत के ऋण-जीडीपी अनुपात को कम करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि भारत अगले तीन से चार सालों में प्राथमिक घाटे से प्राथमिक अधिशेष वाले देश में बदल हो सकता है। शाह ने कहा, “कुछ समय बाद केंद्र और राज्य का संयुक्त राजकोषीय घाटा 8 फीसदी से कम हो जाएगा।”
रियल एस्टेट इंडस्ट्री को पारदर्शिता, गवर्नेंस और उपभोक्ताओं की संतुष्टि के मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत
रियल एस्टेट के बारे में शाह ने कहा कि रियल एस्टेट इंडस्ट्री को पारदर्शिता, गवर्नेंस और उपभोक्ताओं की संतुष्टि के मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव से निवेश प्रवाह में कोई खास बदलाव नहीं आएगा। उन्होंने कहा, “टैक्स से ज्यादा गवर्नेंस प्रैक्टिस ही निवेशकों का रुझान वित्तीय सेवाओं की ओर ले जाएंगी।”
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