प्राइवेट सेक्टर का यस बैंक (Yes Bank) डूबने की कगार पर पहुंचने के बाद से अब तक काफी संभल चुका है। यह मुनाफे में लौट चुका है। वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जून तिमाही में बैंक का स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 46.6 प्रतिशत बढ़कर 502.43 करोड़ रुपये हो गया। बैंक की कुल आय सालाना आधार पर 17.5 प्रतिशत बढ़कर 8918.14 करोड़ रुपये हो गई। तिमाही के दौरान एनपीए घटा और डिपॉजिट सालाना आधार पर लगभग 21 प्रतिशत बढ़े। इससे पहले मार्च 2024 तिमाही में बैंक का स्टैंडअलोन शुद्ध मुनाफा दोगुना बढ़कर 452 करोड़ रुपये हो गया था।
Yes Bank का बढ़ रहा मुनाफा, कारोबार में लौट रही स्थिरता; क्या SBI समेत अन्य लेंडर्स के एग्जिट का आ गया सही वक्त – yes bank profit is growing gradually stability is coming back now working towards giving an exit to lenders including sbi
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि यस बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत हो रही है और कारोबार में स्थिरता आ चुकी है। यह पुराने मैनेजमेंट से विरासत में मिले भारी बैड लोन को एक ARC (एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी) को बेचकर इससे पहले ही छुटकारा पा चुका है। ऐसे में बैंक को इनवेस्टर बनकर डूबने से बचाने वाले बैंक समूहों के एग्जिट करने का सही वक्त आ गया लग रहा है। नियम कहते हैं कि बैंक, दूसरे बैंकों में निवेश नहीं रख सकते हैं। लेकिन चूंकि यस बैंक को डूबने से बचाना जरूरी था, इसलिए बैंकों के कंसोर्शियम ने उसमें पैसे लगाए थे।
SBI की अगुवाई में हुआ था निवेश
बता दें कि यस बैंक मैनेजमेंट के तय वक्त के अंदर पुनरुद्धार योजना न ढूंढ पाने के चलते मार्च 2020 में RBI ने बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था और SBI के पूर्व CFO प्रशांत कुमार को एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया था। साथ ही SBI को यस बैंक में निवेश के लिए बेंकों का एक कंसोर्शियम बनाने को कहा था। इसके बाद SBI ने LIC और अन्य बैंकों के साथ मिलकर यस बैंक में 11,000 करोड़ रुपये डाले। यह भी निर्देश दिया गया कि यस बैंक के मौजूदा शेयरधारक अगले 3 साल तक अपनी शेयरहोल्डिंग्स का 75 प्रतिशत नहीं बेच सकते।
लेंडर्स के एग्जिट के लिए रास्ता हो रहा तैयार
इस साल अप्रैल में खबर आई कि SBI को यस बैंक में शेयरहोल्डर के तौर पर पूरी 25.02 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर एग्जिट करने के लिए सरकार की मंजूरी मिल गई है। हिस्सेदारी बिक्री के लिए लॉक इन पीरियड मार्च 2024 में खत्म हो गया। अब खबर है कि यस बैंक अपने मौजूदा शेयरधारकों, विशेष रूप से SBI को बाहर निकलने का रास्ता देने की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए बैंक अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए संभावित निवेशकों के साथ बातचीत कर रहा है।
जुलाई महीने की शुरुआत में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि केंद्रीय बैंक RBI ने प्रमोटर्स को यस बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने के लिए इन-प्रिंसिपल अप्रूवल दे दिया है। लेकिन फिर बैंक ने स्प्ष्ट किया कि यह दावातथ्यात्मक रूप से गलत है और पूरी तरह से स्पेक्यूलेटिव है। यस बैंक में प्रमोटर्स की कोई हिस्सेदारी नहीं है और पूरी की पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है।
एक साल में Yes Bank शेयर 47% मजबूत
शेयर की बात करें तो यस बैंक का शेयर साल 2020 के मार्च महीने से लेकर अब तक 21 प्रतिशत नीचे आया है। वहीं अप्रैल-जून 2024 तिमाही के नतीजे जारी होने के बाद पिछले 5 दिनों में शेयर की कीमत 2 प्रतिशत कमजोर हुई है। पिछले एक साल में शेयर की कीमत में करीब 47 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली। शनिवार, 20 जुलाई को जून 2024 तिमाही नतीजे जारी होने के बाद बीएसई पर सोमवार, 22 जुलाई को शेयर 3.5 प्रतिशत चढ़ा था।
ऐसा माना जा रहा है कि जून तिमाही के अच्छे नतीजों के बाद निवेशक यस बैंक शेयर से प्रॉफिट बुक कर रहे हैं। यह शेयर में बिकवाली की प्रमुख वजह है। इसके अलावा हाल ही में खबर आई कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी के साथ मिलकर आईडीबीआई बैंक में करीब 61 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचने की तैयारी में है। ऐसे में कयास है कि अब एसबीआई का भी यस बैंक से एग्जिट शायद जल्दी ही हो जाएगा।