कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन बाजार का जोश हाई रहा। सेंसेक्स, निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। मिडकैप , स्मॉलकैप इंडेक्स में अच्छी तेजी देखने को मिली जबकि रियल्टी, ऑटो, मेटल शेयरों में खरीदारी रही। बाजार के नए शिखर पर पहुंचने के बाद अब आगे इसकी चाल कैसी रह सकती है इसपर सीएनबीसी-आवाज से चर्चा करते हुए एक्सिस म्यूचुअल फंड (Axis MF) के इक्विटी फंड मैनेंजर (Equity Fund Manager) जयेश सुंदर (Jayesh Sundar) ने कहा कि कुछ महीनों से करेक्शन और रोटेशन फेज में बाजार चल रहा है। बाजार में ग्रोथ अच्छी है लेकिन वैल्युएशन महंगे है। कई सेक्टर में वैल्युएशन हाई पर है और उनमें ग्रोथ भी अच्छी दिख रही है।
ग्रोथ, अर्निंग वाले सेक्टर पर करें फोकस, ऑटो, फार्मा सहित ये सेक्टर आगे करेंगे बेहतर परफॉर्म- Axis MF के जयेश सुंदर – focus on sectors that generate growth and earningsthese auto and pharma will perform better in the future – jayesh sundar of axis mf
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि US फेड ने ब्याज दरें 0.50% घटाई है। कटौती के बाद ब्याज दर रेंज 4.75-5% हुई है। फेड ने 4 साल में पहली बार ब्याज दरें घटाई है जो कि पॉजिटिव सरप्राइज है। महंगाई को देखते हुए रेट्स में करेक्शन बनता है। बाजार में ग्रोथ अच्छी पर वैल्युएशन महंगे हो गए है। ऐसे में कई सेक्टर में प्रॉफिट बुकिंग हो रही है। हालांकि मार्केट के और फंडामेंटल होने की उम्मीद है। अब आने कंपनी की अर्निंग्स और उनके ग्रोथ पर नजर होगी। सही सेक्टर में सही वैल्युएशन होने जरूरी है।
वैल्युएशन को लेकर अपनी राय पर बात करते हुए जयेश सुंदर ने कहा कि लार्जकैप के वैल्युएशन काफी किफायती नजर आ रहे है। कुछ महीनों से करेक्शन, रोटेशन फेज में बाजार नजर आ रहा है। इंडस्ट्रियल, कैपिटल गुड्स के वैल्युएशन बहुत हाई है। रोटेशन फेज में कई ग्रोथ वाले सेक्टर है। कई सेक्टर में वैल्युएशन हाई पर ग्रोथ भी अच्छी दिख रहा है। मिड, स्मॉलकैप के वैल्युएशन अभी थोड़े महंगे है। मिड, स्मॉलकैप कंपनियों में ग्रोथ भी अच्छी है। बाजार सही ग्रोथ को कैप्चर करेगा।
बैलेंस्ड फंड की बैलेंस्ड स्ट्रैटेजी? पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि बैलेंस्ड फंड एक हाइब्रिड कैटेगरी है। इसमें इक्विटी और डेट दोनों में निवेश का बैलेंस है। इक्विटी ग्रोथ के लिए और डेट स्थिरता के लिए है। निवेश को एक निश्चित रेश्यो में डिवाइड किया जाता है । यह फंड बाजार की उथल-पुथल को बैलेंस करता है। इक्विटी में कुल एसेट का 20-80% तक का निवेश होता है। इस फंड के जरिए पोर्टफोलियो को बैलेंस करने में मदद मिलती है। मिड से लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर सकते हैं। बाजार के उतार-चढ़ाव में बैलेंस्ड फंड स्टेबल रहता है। पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने में मदद मिलती है। निवेश इक्विटी-डेट के रेश्यो को देखकर निवेश करें। रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर फंड चुनें। इस फंड में वोलैटिलिटी, इक्विटी वैल्युएशन के हिसाब से बदलाव होता है। लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह होगी। लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न संभव है।
भारत में रेट कट की कितनी उम्मीद
भारत में रेट कट की कितनी उम्मीद है? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इन्फ्लेशन धीरे धीरे नीचे आ रहा है। US फेड ने ब्याज दरें 0.50% घटाई है। भारत में भी रेट कट की उम्मीद है। रेट कट कब होगा, ये नहीं कह सकते हैं।
किन सेक्टर्स पर बुलिश?
उनका कहना है कि हमारा फोकस ग्रोथ, अर्निंग वाले सेक्टर पर है। किफायती वैल्युएशन भी जरूरी है। ऑटो सेक्टर में ग्रोथ काफी बढ़िया लग रहा है। ऑटो सेक्टर में कई नए लॉन्च हो रहे हैं। ऑटो सेक्टर का मार्केट कैप भी बढ़िया है। ऑटो सेक्टर के वैल्युएशन भी किफायती नजर आ रहे है। इस बीच कमोडिटी के दाम भी काफी कंट्रोल में हैं। हालांकि सेलेक्टिव बैंक पर भी हमारा नजरिया पॉजिटीव है।
उन्होंने आगे कहा कि हम फार्मा सेक्टर पर भी बुलिश है। फार्मा सेक्टर के वैल्युएशन भी किफायती है। पावर सेक्टर लंबी अवधि की थीम है। पावर सेक्टर की डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है।
बैंक स्पेसिफिक व्यू लेना जरूरी
जयेश का कहना है कि बैंकिंग सेक्टर में डिपॉजिट को लेकर समस्या है। डिपॉजिट आने से ही बैंकिंग सेक्टर ग्रो करेगा। पर्सनल लोन के चलते ग्रोथ में स्लोडाउन देखने को मिल रहा है। क्रेडिट कॉस्ट धीरे धीरे नॉर्मल हो रही है। एसेट क्वालिटी में थोड़ा सुधार देखने को मिला। बैंकिंग सेक्टर को लेकर न्यूट्रल व्यू है। बैंक स्पेसिफिक व्यू लेना जरूरी है। सेलेक्टिव बैंक पर भी पॉजिटिव है।
IT सेक्टर में काफी उतार-चढ़ाव
IT सेक्टर में काफी उतार-चढ़ाव है। हालांकि सेक्टर में धीरे-धीरे ग्रोथ संभव है।
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