शेयर बाजार में कब थमेगी बिकवाली? 5 महीने के निचले स्तर पर सेंसेक्स, क्या ये है लंबी गिरावट की शुरुआत – sensex nifty at 5-month lows falls 11 percent from peaks analysts warn of growing bearish sentiment

Share Markets: शेयर बाजार में बिकवाली का दौर जारी है। सेंसेक्स और निफ्टी ने गुरुवार 14 नवंबर को अपनी शुरुआती बढ़त खो दी और लगातार छठवें दिन लाल निशान में चले गए। निफ्टी-50 इंडेक्स अपने 23,500 के अहम स्तर से भी नीचे गिर गया। वहीं सेंसेक्स 200 अंक और गिर गया। पिछले 6 दिन में सेंसेक्स में 2,900 अंकों से अधिक की गिरावट आ चुकी है। वहीं सितंबर के शिखर से दोनों इंडेक्स करीब 11 फीसदी टूट चुके हैं। फिलहाल दोनों इंडेक्स अपने 5-महीने के निचले स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। सितंबर तिमाही में कंपनियों के खराब प्रदर्शन और विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली ने बाजार पर दबाव बना हुआ है।

सुबह 11.25 बजे के करीब, सेंसेक्स 203.24 अंक या 0.26 फीसदी घटकर 77,487.71 अंक पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 51.60 अंक फिसलकर 23,507.40 कारोबार कर रहा था। कारोबार के दौरान निफ्टी फिसलकर 23,486 तक चला गया था।

मार्केट एक्सपर्ट्स अस्थायी गिरावट की आशंका जता रहे हैं। उनका कहना है कि खराब नतीजों और खपत में सुस्ती के चलते नियर टर्म में गिरावट जारी रह सकती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडेक्स में आई 11 फीसदी की गिरावट को टेक्निकल करेक्शन के रूप में देखा जा रहा है। बाजार में पहले ‘गिरावट पर खरीदारी’ का सेंटीमेंट था, जो अब बदलकर ‘उछाल पर बेचने’ का हो गया है।

SAMCO सिक्योरिटीज के डेरिवेटिव्स एनालिस्ट्स, धुपेश धमीजा ने बताया कि 24,000 के स्तर के आसपास काफी कॉल राइटिंग देखने को मिल रही है, जो उछाल पर बिकवाली के बढ़ते दबाव का संकेत देता है।

सैमको सिक्योरिटीज के डेरिवेटिव विश्लेषक धुपेश धमेजा ने 24,000 के स्तर के आसपास काफी कॉल राइटिंग देखने को मिली है, जो ऊपर की ओर बढ़ने पर बढ़ते बिक्री दबाव का संकेत देता है। उन्होंने कहा, “शॉर्ट-टर्म में गिरावट संभव है, लेकिन अगर निफ्टी 23,500 के सपोर्ट स्तर को बचाए रखने में फेल होता है, तो आगे और गिरावट आ सकती है। इस स्तर के बाद फिर अगला अहम सपोर्ट लेवल 23,300-23,000 पर होगा।”

द स्ट्रीट्स के फंड मैनेजर कुणाल रंभिया ने भी इसी नजरिए को दोहराया। उन्होंने कहा कि निफ्टी के लिए इस समय 23,500 का स्तर सबसे अहम और इसके बाद फिर 23,200 है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वी के विजयकुमार ने कहा कि ग्लोबल स्तर पर भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए दो बड़ी चुनौतियां हैं। पहला- मजबूत होता अमेरिकी डॉलर इंडेक्स, जो फिलहाल 106.61 पर है। दूसरा बढ़ता बॉन्ड यील्ड, जिसमें फिलहाल 10-ईयर यूएस बॉन्ड यील्ड 4.48 प्रतिशत है।

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