RBI ने इन 32 मौजूदा ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर्स को दी ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी, जानें डिटेल – RBI grants in-principle authorisation for 32 existing online payment aggregators

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार 15 फरवरी को बताया कि उसने 32 मौजूदा पेमेंट एग्रीगेटर्स को ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। RBI ने बताया कि जिन पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA) को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है, उनमें अमेजन (पे) इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, गूगल इंडिया डिजिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, इंफीबीम एवेन्यूज लिमिटेड, रिलायंस पेमेंट सॉल्यूशंस लिमिटेड और जोमैटो पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड आदि शामिल हैं। रिजर्व बैंक ने बताया कि इनके अलावा अभी 18 और मौजूदा पेमेंट एग्रीगेटर्स, आवेदन की प्रक्रिया में है।

RBI ने इससे पहले 17 मार्च 2020 और 31 मार्च 2021 को पेमेंट एग्रीगेटर्स और पेमेंट गेटवेज के रेगुलेशन के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे।

दिशानिर्देशों के मुताबिक, 17 मार्च 2020 तक मौजूद सभी ऑनलाइन नॉन-बैंक पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA) को पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम एक्ट 2007 के तहत मंजूरी हासिल करने के लिए आरबीआई के पास 30 सितंबर 2021 से पहले अपना आवेदन जमा करना जरूरी था। बाद में ऐसे सभी PA के लिए आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख को एक साल बढ़ाकर 30 सिंतबर 2022 कर दिया गया था।

RBI ने कहा था कि जब तक कोई संस्था पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम एक्ट की धारा-7 के तहत ‘मंजूरी’ नहीं हासिल कर लेती, तब उसे दी सैद्धांतिक मंजूरी को वैध नहीं माना जाएगा।

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रिजर्व बैंक ने कहा, ‘मंजूरी हासिल करने के लिए संस्था को एक निश्चित नेट वर्थ के पालन के लिए RBI के पास सिस्टम ऑडिट रिपोर्ट (SAR) और चार्टर्ड अकाउंटेंट से मिला सर्टिफिकेट जमा कराना होगा।”

केंद्रीय बैंक ने कहा कि मंजूरी पाने वाली इकाइयों को दिशानिर्देशों के तहत बाकी आवश्यकताओं का भी पालन करना होगा और आरबीआई की ओर तय किए गए अतिरिक्त शर्तों को पूरा करना होगा।

रिजर्व बैंक ने कहा कि जिन मौजूदा PA ने निर्धारित समयसीमा के भीतर मंजूरी के लिए आवेदन किया है, वे केंद्रीय बैंक की ओर से कोई निर्देश दिए जाने तक कारोबार जारी रख सकते हैं। लेकिन नए पीए तब तक कारोबार शुरू नहीं कर सकते जब तक कि उन्हें भुपेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम एक्ट 7 की धारा 2007 के तहत ‘मंजूरी’ नहीं मिल जाता है।

पेमेंट एग्रीगेट का क्या है मतलब?

पेमेंट एग्रीगेट का काम दुकानदारों और ई-कॉमर्स साइट्स को पेमेंट सर्विसेज उपलब्ध कराना है। पेमेंट एग्रीगेटर ग्राहकों से पेमेंट स्वीकार करती है और फिर एक निश्चित समय के बाद दुकानदारों को ट्रांसफर कर देती है। यह ग्राहकों से सभी तरीके से पैसे ले सकती है और दुकानदारों को बैंक खाता खोलने की भी जरूरत नहीं होती है।

मार्च 2020 में आरबीआई ने नियम बना दिया कि पेमेंट एग्रीगेटर बनने के लिए उसकी मंजूरी लेनी होगी। जो गैर-बैंक कंपनियां यह सेवाएं पहले से दी रही थीं, उन्हें 30 जून 2021 तक मंजूरी के लिए आवेदन को कहा गया जिसे बाद में 30 सितंबर 2021 तक खिसका दिया गया। 185 से अधिक फिनटेक कंपनियों और स्टार्टअप्स ने पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। कुछ कंपनियों को केंद्रीय बैंक की सीधी निगरानी में कारोबार की मंजूरी मिल गई।

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