केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली दो कंपनियों पर गलत तरीके से सब्सिडी लेने के मामले में कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। इन कंपनियों में हीरो इलेक्ट्रिक (Hero Electric) और ओकिनावा (Okinawa) शामिल हैं। आरोप है कि ये दोनों कंपनियां साल 2019 से गलत तरीके से दावा कर सब्सिडी ले रही है। हमारे सहयोगी न्यूज चैनल CNBC-TV18 ने मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्रीज के सूत्रों के हवाले से बताया कि FAME स्कीम के तहत नियमों का उल्लंघन कर सब्सिडी का दावा करने वाले दो इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई शुरू की जाएगी और योजना से उन्हें डी-रजिस्टर किया जाएगा।
गलत तरीके से सब्सिडी ले रही थीं Hero Electric और Okinawa, अब केंद्र सरकार करेगी वसूली – Government to initiate recovery of subsidies wrongfully claimed by Hero Electric Okinawa since 2019
रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय के जांच के दायरे में हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा सहित कुल 13 इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियां है। बाकी कंपनियों में बेनलिंग, ओकाया EV, जितेंद्र न्यू EV, ग्रीव्स इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, रिवॉल्ट इंटेलीकॉर्प प्राइवेट, काइनेटिग ग्रीन एनर्जी, एवॉन साइकल्स, लोहिया ऑटो, ठुकराल इलेक्ट्रिक एंड विक्ट्री इलेक्ट्रिक व्हीकल्स शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक, बाकी 9 इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनियों के खिलाफ जांच रिपोर्ट मंत्रालय को दो हफ्ते के भीतर मिलने की संभावना है। सरकार सब्सिडी को हड़पने के मामले में FIR दर्ज कराने पर भी विचार कर रही है और जांच पूरी होने के बाद इस पर फैसला किया जा सकता है।
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इसके अलावा सरकार को हीरो मोटोकॉर्प, एथर एनर्जी, टीवीएस और ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ अलग से चार्जर बेचने और ग्राहकों से FAME के स्कीम के तहत 1.5 लाख की सीमा से अधिक चार्ज करने की शिकायतें मिली थीं। सूत्रों ने कहा कि इन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसके बाद एथर और ओला ने ग्राहकों को मुफ्त में चार्जर देने का फैसला किया है।
सरकार ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल (FAME) स्कीम का दूसरा चरण 2019 में लॉन्च किया था और इसके लिए 10,000 करोड़ का बजट तय किया गया था। अभी तक इस स्कीम के तहत 3,701 करोड़ रुपये का इस्तेमाल हो चुका है और वित्त वर्ष 2024 के लिए 5,172 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है।