लंबे इंतजार के बाद भारतीय शेयर बाजार 16 जून को रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। हालांकि, ब्रोकरेज फर्म जेरोधा ( Zerodha) के को-फाउंडर और सीईओ नितिन कामत का कहना है कि यह उछाल बुल रन का संकेत नहीं है। उनका कहना है कि शेयर बाजार में अभी भी रिटेल इनवेस्टर बड़े पैमाने पर निवेश नहीं कर रहे हैं।
‘ऑल टाइम हाई के बावजूद शेयर बाजार में बुल रन नहीं’
देश की सबसे बड़ी ब्रोकरेज फर्म के सीईओ ने ट्वीट कर कहा, ‘बाजार फिर से नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। हालांकि, अभी भी बुल रन जैसा कोई माहौल नहीं है, क्योंकि रिटेल निवेश के मोर्चे पर तेजी देखने को नहीं मिल रही है। NSE, Google और सोशल मीडिया के रुझान ऑल टाइम हाई से काफी नीचे हैं। ब्याज दरों में तेजी के इस माहौल में, बाजार में रिटेल निवेश के रफ्तार पकड़ने की संभावना नहीं के बराबर है।’
उन्होंने इस सिलसिले में Google Trends का डेटा भी शेयर किया है। उनके मुताबिक, जेरोधा को बाकी ब्रोकरेज फर्मों से चुनौती नहीं है, बल्कि उसे असली चुनौती फिक्स्ड-इनकम मार्केट से मिल रही है।
ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘मैं अपनी टीम को कहता हूं कि हमारा मुकाबला बैंक के एफडी रेट से है, न कि ब्रोकेरज कंपनियों से। ज्यादातर रिटेल इनवेस्टर यह सवाल पूछते हैं कि जब सरकारी बॉन्ड और एफडी में रिटर्न 7 पर्सेंट से अधिक है, तो क्या शेयर बाजार में जोखिम उठाना उचित है।’
बहरहाल, इस तेजी पर बाजार की राय बंटी हुई है और ज्यादातर लोगों को बेहतर नतीजों की उम्मीद है। कामत ने इस ट्विटर थ्रेड पर सवाल के जरिये लोगों की राय भी मांगी: आपको क्या लगता है, क्या होगा? इसमें ज्यादातर लोगों का कहना था कि बाजार में तेजी लौटेगी।
सेंसेक्स 16 जून को 466.95 अंकों की बढ़त के साथ 63,384.58 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 137.90 अंक ऊपर 18,826 पर पहुंच गया। पिछली बार 1 दिसंबर, 2022 को सेंसेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ था।