रियल एस्टेट डेवलपर सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) 20 सितंबर 2023 को अपना आईपीओ (Signature Global India IPO) लेकर आने वाली है। आइपीओ के जरिए कंपनी की कोशिश 730 करोड़ रुपये जुटाने की रहेगी. जल्द ही इस पब्लिक इश्यू के लिए प्राइस बैंड की घोषणा की जाएगी। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के आईपीओ में 603 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे और निवेशक कंपनी इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC) की ओर से 127 करोड़ रुपये का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) रहेगा। निवेशकों के पास आईपीओ में पैसा लगाने के लिए 22 सितंबर 2023 तक का वक्त रहेगा.
Signature Global IPO: 20 सितंबर को खुल रहा है इस रियल एस्टेट कंपनी का आईपीओ, 730 करोड़ रुपये जुटाने की रहेगी कोशिश
आईपीओ का 75 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित किया गया है, वहीं 60 प्रतिशत तक हिस्सा एंकर निवेशकों के लिए आरक्षित है। एंकर निवेशक इस इश्यू में 18 सितंबर से पैसा लगा सकेंगे। इश्यू साइज का शेष 15 प्रतिशत हिस्सा उच्च नेटवर्थ वाले व्यक्तियों और 10 प्रतिशत हिस्सा खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल और कोटक महिंद्रा कैपिटल इस इश्यू के मर्चेंट बैंकर हैं, जबकि लिंक इनटाइम इंडिया ऑफर के लिए रजिस्ट्रार है।
कंपनी कहां करेगी आईपीओ के पैसों का इस्तेमाल
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) की योजना आईपीओ के तहत ताजा इक्विटी शेयरों को जारी कर आए पैसों का इस्तेमाल 432 करोड़ रुपये के कर्ज चुकाने में करने की है। बाकी के पैसों का इस्तेमाल कंपनी भूमि अधिग्रहण और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के माध्यम से इनऑर्गेनिक ग्रोथ के लिए करेगी। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (दिल्ली-एनसीआर) में किफायती और लोअर मिड-सेगमेंट हाउसिंग में सबसे बड़ी रियल एस्टेट विकास कंपनी होने का दावा करती है। जून 2023 तक कंपनी पर 495.26 करोड़ रुपये और इसकी 4 सब्सिडियरी पर 123.86 करोड़ रुपये के कर्ज बकाया थे। सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) ने साल 2014 से अपने परिचालन शुरू किए हैं।
ड्राफ्ट आईपीओ पेपर्स में प्रस्तुत वित्तीय विवरण से पता चलता है कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 63.7 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया था। वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी का समेकित शुद्ध घाटा 115.5 करोड़ रुपये था। हालांकि कंपनी का परिचालन से समेकित राजस्व वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1,553.6 रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 901.3 करोड़ रुपये था।
घटा चुकी है इश्यू साइज
कंपनी ने ड्राफ्ट आईपीओ पेपर दाखिल करते समय इश्यू का साइज पिछले साल जुलाई के 1,000 करोड़ रुपये से कम कर दिया था। IFC की सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) में 5.38 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। कंपनी ने RoC (रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज) के समक्ष आईपीओ के लिए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल करने से पहले IFC और एचडीएफसी कैपिटल अफोर्डेबल रियल एस्टेट फंड 1 (HCARE) को जारी किए गए बकाया कंपल्सरी कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (CCDs) को इक्विटी शेयरों में बदल दिया था। इस कदम से कंपनी का डेट-इक्विटी रेशियो सुधरेगा। HCARE की सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) में 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसलिए, अब कोई बकाया सीसीडी नहीं है।