पेट्रोनेट एलएनजी (Petronet LNG) के CEO ए. के. सिंह का कहना है कि कंपनी के पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट को हाई रिटर्न मिलेगा। कंपनी ने 30 अक्टूबर को अपने डायवर्सिफिकेशन प्लान का ऐलान किया। पेट्रोनेट एलएनजी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 20,685 करोड़ के निवेश को मंजूरी दी है, जिसके तहत गुजरात के दाहेज में पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट स्थापित किए जाएंगे। इस ऐलान के बाद कंपनी के शेयरों में तकरीबन 10 पर्सेंट की गिरावट देखने को मिली।
Petronet LNG के CEO को उम्मीद, हाई रिटर्न देगा कंपनी का पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट
सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रोजेक्ट का इंटर्नल रेट ऑफ रिटर्न (IRR) 19 पर्सेंट से ज्यादा है, जबकि इक्विटी IRR 30 पर्सेंट है। उन्होंने कहा, ‘ इस प्रोजेक्ट से प्रॉफिट हासिल करने के बारे में बाजार को किसी तरह की आशंका नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इसे मौजूदा एलएनजी टर्मिनल से मजबूती मिली हुई है।’
इस सरकारी गैस इंपोर्टर कंपनी का दाहेज में सबसे बड़ा इंपोर्ट टर्मिनल है, जिसकी मौजूदा क्षमता 17.5 MMTPA है। सिंह का यह भी कहना था कि एलएनजी की कोल्ड एनर्जी का इस्तेमाल पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में किया जाएगा, जिससे बड़े पैमाने पर ऑपरेटिंग कॉस्ट की बचत होगी।
वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही (सितंबर तिमाही) में पेट्रोनेट एलएनजी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 9 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 855.74 करोड़ रुपये रहा। सितंबर तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 12,532 करोड़ रुपये था, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह आंकड़ा 15,985 करोड़ रुपये था।
सिंह का कहना था कि भारत और कतर के बीच कूटनीतिक बातचीत कंपनी की लॉन्ग टर्म गैस इंपोर्ट डील में बाधा नहीं बनेगी। दरअसल, कतर ने पिछले साल 8 भारतीयों को गिरफ्तार कर उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, उसने इन लोगों के आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया था।
कतर के साथ समझौते के मुताबिक, कंपनी हर साल 85 लाख मेट्रिक टन एलएनजी खरीदती है और इस मुल्क के साथ अपने लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट को रिन्यू करने की तैयारी में है।