बिग मार्केट वॉयस में आज सीएनबीसी-आवाज़ के साथ हैं टाटा फ्री फंड के सीआईओ-इक्विटीज राहुल सिंह। इनको इन्वेस्टमेंट में 26 सालों से ज्यादा का अनुभव है। राहुल 2018 से टाटा एसेट मैनेजमेंट से जुड़े हैं। यहां ये फंड मैनेजमेंट और रिसर्च टीम को लीड करते हैं। राहुल म्परसेंड कैपिटल (Ampersand Capital),स्टैंडर्ड चार्टर्ड सिक्योरिटीज (Standard Chartered Sec) और Citigroup ग्लोबल मार्केट्स के साथ भी काम कर चुके हैं। इन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। IIM लखनऊ से मास्टर्स की पढ़ाई भी है। राहुल एम्परसेंड कैपिटल, स्टैंडर्ड चार्टर्ड सेक और सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स के साथ भी काम कर चुके हैं। इनको 26 साल से ज्यादा का अनुभव है। आइये उनसे समझते हैं कि उतार-चढ़ाव भरे माहौल में वो किस तरह एसेट एलोकेशन कर रहे हैं।
करेक्शन में मजबूत फंडामेंटल्स वाले शेयरों पर लगाएं दांव, अगले चार साल में मिलेगा अल्फा रिटर्न : राहुल सिंह
इस बातचीत में राहुल सिंह ने कहा कि बाजार में वैल्यूएशन काफी अहम होता है। लेकिन अब ये और अहम होता जा रहा है। ये बाजार स्टॉक स्पेशिफिक मार्केट हो गया है। यानी चुनिंदा क्वालिटी शेयरों में ही दांव लगाने की रणनीति होनी चाहिए। इस समय हमें करेक्शन पर उन शेयरों पर दांव लगाना चाहिए जिनके फंडामेंटल्स मजबूत हैं। इस समय लॉर्जकैप का वैल्यूएशन, मिड और स्मॉलकैप की तुलना में ज्यादा अच्छा दिख रहा है। उन्होंने बताया कि सितंबर-अक्टूबर में उनके फंड ने लार्ज कैप में निवेश बढ़ाया है। लेकिन ये सब मामूली बदलाव हैं। जियोपोलिटिकल मुश्किलों के बावजूद बाजार का लांग टर्म आउटलुक काफी अच्छा दिख रहा है। तीन से चार साल की अवधि में बाजार में अल्फा रिटर्न (इंडेक्स से बेहतर रिटर्न) मिल सकता है।
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि मिडकैप के मुकाबले लार्जकैप बैंकों का वैल्युएशन बेहतर है। मिडकैप-स्मॉलकैप बैंकों में वैल्युएशन रिस्क है। जबकि बड़े बैंका का वैल्युएशन बेहतर है। आगे बड़े बैंक छोटे बैंकों को आउटपरफॉर्म कर सकते हैं। तात्कालिक स्तर पर देखें को क्रूड की तेजी, दरें में बढ़त और मिडिल ईस्ट जैसे ग्लोबल रिस्क हैं। लेकिन ये शॉर्ट टर्म की परेशानियां हैं। इस समय चुनिंदा शेयरों में निवेश के अच्छे मौके हैं। हमारे बाजारों को घरेलू इकोनॉमी की मजबूती से सपोर्ट मिलेगा। बाजार में करेक्शन के सामान्य दौर से गुजर रहा। वन वे रैली के बाद इस तरह का कंसोलीडेशन या करेक्शल जरूरी होता है। इससे बाजार में बबल नहीं बनने पाता और वो हेल्दी रहता है।
राहुल का कहनै है कि इस समय IT सेक्टर के चुनिंदा मिडकैप कंपनियों में अच्छे मौके हैं। चीन से केमिकल की ओवरसप्लाई जारी है। ऐसे में केमिकल सेक्टर में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
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