मैन्यूफैक्चरिंग एक्टिविटी जून में बढ़कर 58.3 के स्तर पर पहुंची

Manufacturing activity in June: नए ऑर्डरों में वृद्धि के कारण मैन्यूफैक्चरिंग एक्टिविटी जून में बढ़कर 58.3 हो गई। जबकि मई में गिरकर तीन महीने के निचले स्तर 57.5 पर पहुंच गई थी। इस तरह इसमें अब सुधार नजर आया है। सोमवार को जारी एक निजी सर्वेक्षण से ये जानकारी मिली। “भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ने जून तिमाही को मजबूत स्थिति में समाप्त किया। HSBC के वैश्विक अर्थशास्त्री, मैत्रेयी दास (Maitreyi Das, global economist, HSBC) ने कहा, जून में हेडलाइन मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई 0.8 प्रतिशत अंक बढ़कर 58.3 हो गई। मैन्यूफैक्चरिंग एक्टिविटी में नए ऑर्डर और आउटपुट के कारण वृद्धि देखने को मिली है।

सीजन के हिसाब से एडजस्ट किया गया एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (HSBC India Manufacturing Purchasing Managers’ Index) लॉन्ग टर्म औसत से अधिक रहा। इससे रोजगार को बढ़ावा मिला। रोजगार पिछले 19 वर्षों में सबसे तेज गति से बढ़ा है।

रिपोर्ट में कहा गया, “कंज्यूमर गुड्स इंडस्ट्री का प्रदर्शन विशेष रूप से मजबूत रहा। हालांकि इंटरमीडियेट और इनवेस्टमेंट गुड्स कैटेगरी में भी पर्याप्त इजाफा देखने को मिला।”

एक्सपर्ट्स का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ की गति मजबूत रहने की संभावना है। देश की ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत से अधिक रहेगी।

भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में भारत के ग्रोथ अनुमान को पहले के अनुमानित 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया है। मजबूत मैन्यूफैक्चरिंग और कैपेक्स ग्रोथ के कारण वित्त वर्ष 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं इंडस्ट्री इस गति को आगे बढ़ाने के लिए अंतरिम बजट की तुलना में सरकार से अधिक कैपेक्स की मांग कर रहे हैं।

दास ने कहा, “हालांकि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए कुल मिलाकर आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है। भविष्य का आउटपुट इंडेक्स तीन महीने के निचले स्तर पर आ गया है। हालांकि यह ऐतिहासिक निचले औसत से ऊपर बना हुआ है।”

वहीं एक्सपोर्ट ग्रोथ भी पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रहने की संभावना है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने कहा कि भारत का माल और सेवाओं का निर्यात (goods and services exports ) वित्त वर्ष 2025 में 800 अरब डॉलर को पार करने की संभावना है। ये आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक है।

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